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    Meerut News: मेरठ विकास प्राधिकरण निरस्त करेगा 5 हजार करोड़ के 2700 प्लॉट आवंटन, तैयार हो गई सूची

    By pradeep diwediEdited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Tue, 10 Oct 2023 03:21 PM (IST)

    2713 प्लाट ऐसे हैं जिनकी दो या चार किश्त के बाद धनराशि जमा ही नहीं हुई। इनकी कुल कीमत पांच हजार 485 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये प्लाट खाली पड़े हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब ऐसे डिफाल्टर श्रेणी वाले आवंटन निरस्त करने जा रहा है।

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    मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब डिफॉल्टर श्रेणी वाले आवंटन निरस्त करने जा रहा है।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। 2713 प्लॉट ऐसे हैं, जिनकी दो या चार किश्त के बाद धनराशि जमा ही नहीं हुई। इनकी कुल कीमत पांच हजार 485 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये प्लॉट खाली पड़े हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब ऐसे डिफॉल्टर श्रेणी वाले आवंटन निरस्त करने जा रहा है। आवंटियों की सूची तैयार कर ली गई है। जल्द ही एक महीने का नोटिस दिया जाएगा।

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    ऐसे आवंटियों के मामले जानकारी सामने आई है कि ऐसे आवंटी कीमत बढ़ने का इंतजार करके दूसरों को बेचने का मौका तलाश रहे हैं। ऐसे में जो नया खरीदार होगा वही पूरी किस्त चुकाएगा। इसलिए आवंटी किस्त नहीं चुका रहा है। कुछ चुनिंदा रियल एस्टेट व्यवसायियों का खेल सामने आया है, जिन्होंने ऐसे आवंटी तैयार कर उनके नाम पर प्लॉटों का शुरुआती खर्च वहन किया।

    चूंकि, प्लॉट का आवंटी और परोक्ष मालिक अलग-अलग हैं, ऐसे में धन लगाने वाले कीमत बढ़ाने का इंतजार कर रहे हैं। यही नहीं कुछ प्लॉट ऐसे भी हैं, जिसकी किस्त भले ही दो-चार से ज्यादा जमा नहीं हुई है, लेकिन उनकी बिक्री निवेशकों ने आपसी समझौते के तहत तीन-चार बार कर ली है।

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    2713 आवंटियों का आवंटन निरस्त करने के लिए मेडा की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। इन प्लॉटों की कीमत पांच हजार 485 करोड़ रुपये आंकी गई है। इनकी किस्त न आने से राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं प्लॉट के जरूरतमंद को प्लॉट नहीं मिल पा रहा है।

    -अभिषेक पांडेय, उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण

    सबसे ज्यादा वेदव्यासपुरी व शताब्दीनगर में हैं प्लॉट

    डिफॉल्टर प्लॉटों में सबसे अधिक संख्या वेदव्यासपुरी में है उसके बाद आता है शताब्दीनगर। प्राधिकरण की कुल 14 आवासीय योजनाओं के ये प्लॉट हैं। इनमें लोहियानगर, गंगानगर, रक्षापुरम, श्रद्धापुरी, पल्लवपुरम, सैनिक विहार, मेजर ध्यान चंद नगर आदि योजनाएं शामिल हैं।

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