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    UP Nagar Nikay Chunav 2022: मेरठ में नगर निकाय चुनाव में इस बार गुजरात-दिल्ली फार्मूला अपनाएगी भाजपा

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2022 11:47 AM (IST)

    BJP Meerut अगले दो तीन महीनों में होने जा रहे नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। भगवा फहराने को असल टेंशन वाले इलाकों की पहचान। पखवाड़ा कार्यक्रम के बहाने मतदाता सूची और परिसीमन पर रहेगी नजर। हालांकि डगर कठिन है।

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    UP Nagar Nikay Chunav वेस्‍ट यूपी में भाजपा नगर निकाय चुनाव में गुजरात-दिल्ली फार्मूले पर काम करेगी।

    संजीव जैन, मेरठ। 2024 के आपरेशन 'क्लीन स्वीप' में जुटी भाजपा उससे पहले नगर निकाय चुनाव में विपक्ष को करारी शिकस्त देने का लक्ष्य तय कर चुकी है। प्रदेश के 16 में से 14 नगर निगमों पर काबिज भगवा खेमे की नजर नगर पंचायतों एवं नगर पालिका परिषदों में बड़ी जीत दर्ज कर लोकसभा चुनाव की जमीन बनाने पर है। गुजरात व दिल्ली नगर निगम चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) का फार्मूला अपनाने की तैयारी है।

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    वहां पर नए चेहरों पर लगाया दांव

    मेरठ में कई पार्षदों, मेयर या अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके नेताओं समेत पश्चिमी उप्र में कई मौजूदा मेयर व निकाय अध्यक्षों से लेकर पार्षदों तक के टिकट काटे जाएंगे। पार्टी सेवा पखवाड़ा के जरिए बूथों तक पहुंचने में जुटी है। दिल्ली की तर्ज पर गुजरात नगर निगम चुनाव में ज्यादातर मेयर एवं पार्षदों के टिकट काटे गए। नए चेहरों पर दांव लगाया तो नगर निगम की 44 में से 41 पर भाजपा जीत गई। 2017 में दिल्ली में 270 सीटों में से 181 सीट पर भाजपा काबिज हुई।

    नई व्यूहरचना तैयार की

    पश्चिम उप्र में भी पार्टी इसी तर्ज पर चलेगी। पिछली बार महापौर के चुनावों में मेरठ व अलीगढ़ को छोड़कर भाजपा को सूबे में एकतरफा जीत मिली, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत का स्वाद कड़वा रहा। इस बार प्रदेश की कमान संभाल रहे अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह एवं प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने निकाय चुनावों को लेकर नई व्यूहरचना तैयार की है।

    इस बार राह नहीं होगी आसान

    सपा, रालोद व बसपा के मजबूत गढ़ वाली मेरठ नगर निगम, नगर पालिका मवाना एवं सरधना और नगर पंचायत सिवालखास, हस्तिनापुर, किठौर, शाहजहांपुर में भाजपा की राह आसान नहीं होगी। सांसद, विधायक से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों को भी नया होमवर्क दिया जा रहा है। परिसीमन और वोटर लिस्ट को दुरुस्त कराने पर भी पूरा जोर है।

    मुस्लिम बहुल सीटें भाजपा की टेंशन

    पश्चिमी उप्र की तमाम नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषदों में मुस्लिम वोटों की तादाद ज्यादा है। मेरठ नगर निगम में भी भाजपा को 90 में से सिर्फ 35 वार्ड पर ही जीत मिली। इस बार भी मुस्लिम वोट पार्टी की टेंशन बढ़ाएंगे। मुस्लिम बहुल मेरठ और अलीगढ़ नगर निगम के मेयर सीट बसपा जीतने में सफल रही थी जबकि सहारनपुर में भाजपा को बहुत मामूली वोटों से जीत मिली थी। सरधना, अमरोहा, बिजनौर, नजीबाबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर सहित तमाम मुस्लिम बहुल नगर पालिका सीटों पर भाजपा को करारी मात झेलनी पड़ी थी।

    दो अक्टूबर तक सेवा सप्ताह

    स्थानीय निकाय के लिए पार्टी ने पूरा रोडमैप बना लिया है। 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़ा के दौरान कार्यकर्ता लोगों तक पहुंचकर पार्टी के लिए चुनावी जमीन बनाएंगे। रक्तदान शिविर के जरिए युवाओं को भी रिचार्ज किया गया। स्थानीय निकाय के चुनाव प्रभारी सुरेश जैन रितुराज ने बताया कि 25 सितंबर को पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर 550 से अधिक बूथों पर नए कार्यक्रम होंगे। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कहा हमारी चुनाव की पूरी तैयारियां है। सभी सीटों पर चुनाव जीतेंगे।

    भाजपा विरोधी दलों ने भी उठा लिया झंडा

    समाजवादी पार्टी ने रालोद के साथ मिलकर पश्चिम उप्र में भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। सपा ने साफ किया है कि ज्यादा सदस्य बनाने वालों को निकाय चुनाव के टिकटों में वरीयता मिलेगी। पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं को जिलों में निकाय चुनाव प्रभारी बनाया है। पर्यवेक्षक स्वामी ओमवेश ने हाल में बैठक कर चुनावी मिजाज परखा है। आम आदमी पार्टी पानी, बिजली, सड़क की समस्याओं को उठाकर निकाय चुनावों की तैयारी में जुटी है।

    बसपा के सामने बड़ी चुनौती

    आप नेता विकास शर्मा के मुताबिक दिल्ली माडल हर जगह हिट है। क्षेत्र में अच्छा संपर्क रखने वालों को पार्षद का टिकट मिलेगा। बसपा के सामने बड़ी चुनौती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरी तरह जमीन गंवाने के बाद बसपा ने 2019 लोकसभा में अपना आंकड़ा बढ़ा लिया, लेकिन 2022 विस में साफ हो गई। पूर्व एमएलसी अतर सिंह राव का कहना है कि पुराने चेहरों को जोड़कर कैडर के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारा जाएगा। जनाधार गंवा चुकी कांग्रेस निकाय चुनाव सिंबल पर लड़ेगी। पार्टी ने दावेदारों से आवेदन के साथ समर्थक और कार्यकर्ताओं की सूची भी मांगी है।