लखनऊ में पकड़े आतंकियों के संपर्क में रहा उमर देवबंद में पढ़ा या नहीं, सहारनपुर में खुफिया एजेंसी ने डाला डेरा
संदिग्ध आतंकी उमर हलमंडी भी पकड़े गए आतंकियों के संपर्क में था। हलमंडी के पाकिस्तान में होने की बात सामने आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि उमर हलमंडी सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद में वर्ष 1998 में पढ़ाई की है। जांच एजेंसी कर रही तफ्तीश।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। लखनऊ में पकड़े गए आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर एटीएस की रिमांड पर चल रहे हैं। उनसे पूछताछ के दौरान कई राज सामने आए हैं। सम्भल का रहने वाला संदिग्ध आतंकी उमर हलमंडी भी पकड़े गए आतंकियों के संपर्क में था। हलमंडी के पाकिस्तान में होने की बात सामने आ रही है। यह भी कहा जा रहा है कि उमर हलमंडी सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद में वर्ष 1998 में पढ़ाई की है। इस बात की जांच के लिए देवबंद में एटीएस की खुफिया विंग और आइबी ने डेरा जमा लिया है।
देवबंद आना जाना था
एटीएस की खुफिया विंग देवबंद द्वारा की गई अब तक की जांच में यह तो साफ हो गया है कि संदिग्ध आतंकी उमर हलमंडी लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों के संपर्क में था। सूत्रों की मानें तो पढ़ाई के बाद भी उमर का देवबंद में आना जाना लगा रहता है। पुलिस देवबंद में उसके सूत्रों को खंगाल रही है। दारुल उलूम के जिम्मेदार लोगों का कहना है कि उमर हलमंडी का देवबंद दारुल उलूम से कोई लेना देना नहीं है। बता दें कि तीन साल पहले भी एटीएस ने प्रतिबंधित बांग्लादेशी आतंकी संगठन के प्रमुख सरगना अब्दुल्ला को सहारनपुर और मुजफ्फरनगर की सीमा से सटे एक गांव से पकड़ा था। अब्दुल्ला का भी देश विरोधी गतिविधियों में हाथ पाया गया था।
लश्कर के लिए भी काम करता है उमर
अलकायदा के लिए ही नहीं, लश्कर-ए-तैयबा के लिए भी उमर हलमंडी काम करता है। करीब तीन साल पहले खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया था कि उमर पश्चिम उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल बनाने में जुटा था। उमर हलमंडी पाकिस्तान भी कई बार जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि वह टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान गया है।
इनका कहना है
उमर हलमंडी दारुल उलूम में कभी नहीं पढ़ा है। बेवजह दारुल उलूम को बदनाम किया जा रहा है।
- अशरफ उस्मानी, उप प्रभारी, तंजीम तरक्की विभाग, दारुल उलूम।

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