नई शिक्षा नीति 2020 : स्नातक में बदल जाएंगे कई नियम, इन विषयों का चयन होगा जरूरी
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर शासन की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब गाइडलाइन भी बनने लगी है। चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति ने परिसर में सभी विभागाध्यक्षों को नई शिक्षा नीति के तहत कोर्स डिजाइन करने को कहा है।
मेरठ, जेएनएन। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्नातक में सेमेस्टर आधारित पढ़ाई होगी। वर्ष 2021-22 से नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में प्रवेश शुरू हो सकते हैं। हालांकि इस साल स्नातक के प्रवेश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर शासन की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब गाइडलाइन भी बनने लगी है। चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति ने परिसर में सभी विभागाध्यक्षों को नई शिक्षा नीति के तहत कोर्स डिजाइन करने को कहा है। जल्द ही इसे लेकर बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक भी शुरू हो जाएगी।
छह से सात विषय होंगे
नई शिक्षा नीति के तहत आने वाले समय में छात्र स्नातक में छह से सात विषय पढ़ेंगे। इसमें तीन मुख्य विषय होंगे। दो सामान्य विषय होंगे। इसके अलावा वोकेशनल कोर्स भी पढऩा होगा। स्नातक में सामान्य और वोकेशनल कोर्स हर सेमेस्टर में बदल जाएंगे। स्नातक में कला, विज्ञान और वाणिज्य किसी भी विषय को छात्र चुन सकेंगे। फिर भी संकाय के महत्व को बनाए रखने के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
इन विषयों का करना होगा चयन
स्नातक में प्रवेश लेने वाले छात्रों को सबसे पहले संकाय का चुनाव करना होगा। स्नातक पहले, दूसरे साल में छात्र मुख्य विषय में से तीन विषय पढ़ेंगे। तीसरे साल में दो मुख्य विषय होंगे। आनर्स करने की स्थिति में एक विषय पढऩा होगा। स्नातक अंतिम वर्ष में जो विषय छात्र के पास होगा। उस विषय के आधार पर छात्र की डिग्री विज्ञान, वाणिज्य या कला की मानी जाएगी। मेरठ कालेज की शिक्षा विभाग की डा. मंजू गुप्ता का कहना है कि नई शिक्षा नीति के बाद स्नातक की पढ़ाई में व्यापक बदलाव हो रहा है। उसे ध्यान में रखते हुए छात्रों को इस समय से ही तैयारी करनी चाहिए। इस साल जो छात्र स्नातक में प्रवेश ले रहे हैं, वह उन विषय का चुनाव करें जिससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ सके।