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मेरठ और आसपास के जिलों में लगातार बारिश से फसलों को भारी नुकसान

मेरठ व आसपास के जिलों में लगातार वर्षा से फसलों को भारी नुकसान की आशंका है। आलू गेहूं और सरसों आदि फसलों को नुकसान की आशंका है। इसी के साथ बारिश के कारण कोल्हू का व्यवसाय भी ठप है।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 03:40 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 03:40 PM (IST)
मेरठ और आसपास के जिलों में लगातार बारिश से फसलों को भारी नुकसान
मेरठ और आसपास के जिलों में लगातार बारिश से फसलों को भारी नुकसान

मेरठ, जेएनएन। मेरठ और आसपास के जिलों में बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी है। बारिश ने जनजीवन प्रभावित हुआ है। इसी के साथ फसलें जलमग्न हो गईं हैं। आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। गेहूं, सरसों व सब्जियों की फसलों को भी नुकसान होगा। गन्ने की छिलाई पूरी तरह बंद हो गई है। इससे मिलों में गन्‍ने की आवक प्रभावित हुई है।

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गुड़ का उत्पादन ठप

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है! शुक्रवार से शुरू हुई बारिश रविवार को रूक- रूक कर हो रही बारिश से जहां नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं क्षेत्र में गुड़ का उत्पादन ठप हो गया है! कभी तेज और कभी हल्की बारिश से कोल्हू की भट्ठी पर जलने में इस्तेमाल की जाने वाली झोंक यानी खोई गीली हो गई है! जिस कारण क्षेत्र के करीब दो दर्जन कोल्हू बंद हो गए

मजदूर और कोल्हू संचालक परेशान 

बारिश के कारण कोल्हू का व्यवसाय बंद होने से मजदूर मजदूरी नहीं होने से परेशान है, वहीं गुड़ उत्पादन ठप होने से कोल्हू संचालक भी परेशान हैं। कोल्हू स्वामियों का कहना है कि इस समय गुड़ का कारोबार पीक पर रहता है। बारिश की वजह से ईंधन गीला हो गया है! कोल्हू के चालू होने में कई दिन लग जाएंगे। 

मंडी में भी गुड़ कारोबार को फटका 

क्षेत्र के कोल्हू से भारी मात्रा में गुड़ नवीन मंडी में आता है! सीजन में लाखों रुपये के गुड़ का कारोबार होता है! बड़ी संख्या में श्रमिकों को भी रोजगार मिलता है! बारिश के कारण कोल्हू बंद होने से मंडी में भी गुड़ की आवक ठप हो गई! इससे जहां मंडी के कारोबारी और मजदूर मायूस हैं, वहीं मंडी समिति के शुल्क में भी गिरावट आई है।

बिजनौर में फसलें जलमग्न, गन्ने की छिलाई पूरी तरह बंद

बिजनौर, जागरण संवाददाता। शनिवार से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी है। तेज बारिश के साथ जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है । सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थमी नजर आई। बिजनौर बदायूं स्टेट हाईवे समेत शहर की गलियां जलमग्न हो गईं। वहीं फसलें भी जलमग्न हो गई। गन्ने की छिलाई पूरी तरह बंद हो गई है। वहीं, आलू गेहूं की पछेती फसल और सरसों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। गन्ने की छिलाई बंद होने से पशुओं के लिए समस्या खड़ी हो रही है। 

24 घंटे से अधिक समय से बारिश, फसलों को नुकसान 

शामली, जागरण संवाददाता। 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, लेकिन बारिश जारी है। कभी बारिश तेज हो रही है तो कभी हल्की। बीच-बीच में कुछ समय के लिए रुक भी रही है। शनिवार अलसुबह से बारिश शुरू हुई थी। बारिश से ठंड बढ़ गई है। साथ ही सभी फसलों को नुकसान है। आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप और बढ़ेगा। साथ ही गेहूं, सरसों, सब्जियों की फसलों को भी नुकसान है। गन्ने की कटाई-छिलाई का काम बाधित हो गया है। ऐसे में चीनी मिल में गन्ने की आवक कम हो गई है। कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि गेहूं की अगेती-पछेती फसल, सरसों, आलू और अन्य सभी सब्जियों की फसल को वर्षा से नुकसान होगा। इस वक्त किसी भी फसल को बारिश की जरूरत नहीं थी।

दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति ठप

बागपत, जागरण संवाददाता। लगातार हो रही बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है। गन्ना कटाई बंद है, जिससे चीनी मिलों के सामने गन्ना संकट खड़ा हो सकता है। वहीं बारिश के कारण दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति ठप रही। किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं बारिश के कारण हुई क्रय केंद्रों पर तौल बंद से गन्ना मिलों की पेराई पर प्रभाव पड़ा है। गन्ना न पहुंचने से कुछ गन्ना मिलें बंद हुई तो कुछ की रफ्तार कम कर चलानी पड़ रही है। किसानों के सामने उनके पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो रहा है। 


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