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    श्वेत-श्याम फिल्मों में रंग भरते थे ट्रेजडी किंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 08 Jul 2021 05:15 AM (IST)

    ट्रेजडी किग दिलीप कुमार आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में सिने प्रेि

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    श्वेत-श्याम फिल्मों में रंग भरते थे ट्रेजडी किंग

    मेरठ,जेएनएन। ट्रेजडी किग दिलीप कुमार आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में सिने प्रेमियों के दिल में दस्तक देती रहेंगी। शहर में तमाम लोग हैं, जो उस जमाने में दिलीप कुमार की फिल्मों के दीवाने थे।

    इकलौते हीरो थे दिलीप कुमार

    सावधान इंडिया कार्यक्रम के अभिनेता सुशांत सिंह के पिता कल्याण सिंह बताते हैं कि उस जमाने में मनोरंजन के खास साधन नहीं थे। आज के फिल्म अभिनेताओं से काफी बड़ा कद था दिलीप कुमार का। वह उस जमाने के इकलौते और जुदा किस्म के अभिनेता थे। उनकी एक्टिग लाजवाब थी। मैंने उनकी फिल्म लीडर, राम और श्याम, संघर्ष, क्रांति, शक्ति, विधाता कई-कई बार देखी। क्रांति फिल्म आई तो सिनेमा हाल पर भीड़ टूट पड़ी। दूसरे दिन टिकट मिला तो फिल्म देख सका। सुशांत जब भी घर आता था, दिलीप कुमार की चर्चा जरूर होती थी।

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    दिलीप कुमार की सभी फिल्म देखीं

    डीएन कालेज से रिटायर्ड शिक्षक ईश्वर सिंह शर्मा दिलीप कुमार की लगभग सभी फिल्में देख चुके हैं। बताते हैं कि अप्सरा सिनेमा में दिलीप कुमार की संघर्ष फिल्म लगी थी। पोस्टर देखा तो फिल्म देखने की इच्छा और बढ़ गई। उनकी फिल्म देखने के बाद बहुत खुशी मिलती थी। दिलीप कुमार की श्वेत श्याम फिल्मों में भी खूब रंग मिलते थे। मनोरंजन के माध्यम बदल गए हैं तो भी यूट्यूब पर उनकी फिल्में देखते हैं।

    सिनेमाहाल पर क्या भीड़ होती थी

    61 साल के अमर यादव को दिलीप कुमार की हर फिल्म पसंद है। बताते हैं कि उस जमाने में दिलीप कुमार की कुछ फिल्मों को देखने के लिए सिनेमा हाल में बेशुमार भीड़ जुटती थी। टिकट के लिए अफरातफरी मचती थी। फिल्म क्रांति, संघर्ष और सौदागर कई बार देखीं। उनकी पुरानी फिल्में आज टीवी पर भी अच्छी लगती हैं। ज्ञान दीक्षित ने दिलीप कुमार को कैमरे में उतारा

    मेरठ में दिलीप कुमार से फोटो जर्नलिस्ट ज्ञान दीक्षित लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। ज्ञान दीक्षित ने दिलीप कुमार की फिल्म शूटिग की कई लाइव तस्वीरें लीं। दिलीप कुमार की लीडर, मशाल, बैराग फिल्में शामिल हैं। बकौल ज्ञान दीक्षित, संभवत: 1964 में आगरा में दिलीप कुमार की फिल्म लीडर की शूटिग चल रही थी। मैं अपने एक मित्र के साथ गया और आगरा में तीन दिन रहकर शूटिग देखी। इस दौरान दिलीप कुमार की कुछ तस्वीरें ली थीं। दिलीप कुमार से पहली मुलाकात वहीं हुई थी। ज्ञान दीक्षित बताते हैं काला चश्मा पहने जो तस्वीर ली थी, वह दिलीप कुमार को काफी पसंद आई थी। कुछ तस्वीरे तो आज भी दिलीप कुमार के घर में लगी हुईं हैं।

    संजीदा व्यक्ति थे दिलीप कुमार

    ज्ञान दीक्षित बताते हैं कि वर्ष 1983 में फिल्म मशाल की शूटिग के दौरान उन्होंने दिलीप कुमार के साथ वैजयंती माला की तस्वीरें ली थीं। दिलीप कुमार उस समय पहचान गए थे। वह बहुत संजीदा व्यक्ति थे। शूटिग के दौरान गंभीर मौकों पर भी वह सबको हंसा देते थे। पर्दे की भांति वह निजी जीवन में भी अनुशासित थे।