Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CCSU : अब एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट का सिलेबस हुआ एक

    By Ashu SinghEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jun 2019 11:40 AM (IST)

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने बीए और एमए (अर्थशास्त्र) के सिलेबस में बदलाव किया है। एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट का सिलेबस एक कर दिया है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    CCSU : अब एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट का सिलेबस हुआ एक

    मेरठ,जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने बीए और एमए (अर्थशास्त्र) के सिलेबस में बदलाव किया है। एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट का सिलेबस एक कर दिया है। कॉलेजों में एमए अर्थशास्त्र में प्रवेश लेने वाले छात्र अब 1500 नंबर का पेपर देंगे। बोर्ड ऑफ स्टडीज की सोमवार को हुई बैठक में विशेषज्ञों ने अर्थशास्त्र में कई नए विषय जोड़े हैं।
    डिग्री और सिलेबस एक
    डिग्री कॉलेजों में अभी तक एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट की एक डिग्री मिलती थी। लेकिन सिलेबस अलग-अलग था। इसमें प्राइवेट के छात्र 1000 नंबर और रेगुलर के छात्र 2000 नंबर की परीक्षा देते थे। अब डिग्री कॉलेजों में एमए प्राइवेट अर्थशास्त्र में कामन सिलेबस कर दिया गया है। दोनों में अब 1500 नंबर का पेपर होगा।
    कुल 15 प्रश्नपत्रों की परीक्षा
    एमए अर्थशास्त्र में कॉलेजों के छात्र कुल 15 प्रश्नपत्रों की परीक्षा देंगे। प्राइवेट के छात्र एमए प्रथम वर्ष में एक से सात पेपर और द्वितीय वर्ष में आठ से 14 पेपर की परीक्षा देंगे। एमए अर्थशास्त्र में अब 100 नंबर की मौखिक परीक्षा होगी। पहले 200 नंबर की मौखिक परीक्षा होती थी।
    कैंपस में 2000 नंबर का एमए अर्थशास्त्र का पेपर
    कैंपस में एमए अर्थशास्त्र का पेपर 2000 नंबर का है। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत एमए अर्थशास्त्र में स्टेटिक्स और मैथमेटिक्स को सभी छात्रों के लिए अनिवार्य किया है। पहली बार क्षेत्रीय और स्थानीय अर्थशास्त्र को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। जीएसटी सहित कई नए विषय जोड़े हैं।
    शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग
    अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार का कहना है कि अर्थशास्त्र में कई बदलाव किए गए हैं, नए विषय जुड़े हैं। इसके लिए शिक्षकों को बी अपडेट होना पड़ेगा। विवि स्तर पर डिग्री कॉलेजों के अर्थशास्त्र के शिक्षकों के लिए दस दिन के रिफ्रेशर्स कोर्स की व्यवस्था की जाएगी।
    पर्यावरण अर्थशास्त्र का नया पेपर
    चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमए अर्थशास्त्र में पर्यावरण अर्थशास्त्र का नया पेपर जोड़ा है। इस सत्र से कैंपस और कॉलेज में प्रवेश लेने वाले एमए के छात्र इस प्रश्नपत्र को पढ़ेंगे। पर्यावरण की अर्थव्यवस्था में जिस तरह से उपयोगिता बढ़ रही है, उसे देखते हुए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। विश्वविद्यालय में छात्र एमए अर्थशास्त्र के चौथे सेमेस्टर में पर्यावरण अर्थशास्त्र को पढ़ेंगे। कॉलेजों में एमए अर्थशास्त्र के दूसरे सेमेस्टर में इसे पढ़ाया जाएगा। अर्थशास्त्र के सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य किया गया है।
    इस आधार पर बनाया सिलेबस
    पर्यावरण अर्थशास्त्र का पेपर लखनऊ विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जीजेयू हिसार और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के सिलेबस को आधार बनाकर तैयार किया गया है। इस पेपर में छात्र पर्यावरण अर्थशास्त्र की उपयोगिता, प्राकृतिक संसाधन का सही तरीके से उपयोग करने, घरेलू और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण पर पड़ने वाले असर के विषय में पढ़ेंगे। कूड़ा निस्तारण, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पर्यावरण के क्षेत्र में आ रही समस्या और उसके निराकरण के विषय में भी पढ़ेंगे। वायु प्रदूषण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि का अर्थशास्त्र पर पड़ने वाले प्रभाव को जानेंगे।
    बीए अर्थशास्त्र के पेपर में हुआ बदलाव
    बीए अर्थशास्त्र के पेपर में बदलाव किया गया है। बीए थर्ड ईयर में मैथ्स का पेपर था, थर्ड ईयर में बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा होने की वजह से अब बीए सेकेंड ईयर में मैथ्स का पेपर कर दिया गया है। थर्ड ईयर में भारतीय अर्थव्यवस्था को रखा गया है।
    इनका कहना है
    इंडस्ट्रीज तेजी से बदल रही है। उसके हिसाब से सिलेबस में बदलाव जरूरी है। अर्थशास्त्र के बोर्ड ऑफ स्टडीज में जो बदलाव हुए हैं, उसका लाभ छात्रों को मिलेगा। डिग्री कॉलेजों में एमए अर्थशास्त्र रेगुलर और प्राइवेट पाठ्यक्रम एक होने से एमए अर्थशास्त्र की डिग्री में समानता रहेगी।
    - प्रो.एनके तनेजा,कुलपति सीसीएसयू,मेरठ 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप