गंगा में खूब फल-फूल रहे हैं घड़ियाल, यह है इनकी खासियत
नदियों में जीवन चक्र को संतुलित बनाए रखने में जलीय जीवों की खास भूमिका होती है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने वर्ष 2009 में बिजनौर में गंगा में 788 घड़ियाल छोड़े थे। इसके बाद डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने साल 2019 में 60 घड़ियाल छोड़े थे।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से गंगा में छोड़े गए घड़ियाल खूब फल-फूल रहे हैं। उनकी लंबाई बढ़कर साढ़े तीन मीटर तक हो गई है। इन घड़ियाल को वर्ष 2009 में गंगा में छोड़ा गया था। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (World Wide Fund for Nature) की टीम को गणना के दौरान गंगा में विशाल घड़ियाल दिख रहे हैं।
2009 में छोड़े गए थे 788 घड़ियाल
नदियों में जलीय जीवों से ही जीवन होता है। नदियों में जीवन चक्र संतुलित बनाए रखने में घड़ियाल, मगरमच्छ, डाल्फिन यहां तक कि कछुए भी अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं। नदियों में जलीय जीवों को बचाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने गंगा में वर्ष 2009 में 788 घड़ियाल छोड़े गए थे, तब इनकी लंबाई दो फीट तक ही थी। साल 2019 में भी गंगा में 60 घड़ियाल छोड़े गए। 2009 में छोड़े गए घड़ियाल अब साढ़े तीन मीटर तक के हो गए हैं। घड़ियाल 12-13 साल की आयु में जाकर व्यस्क होते हैं और प्रजनन शुरू करते हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम को गणना में साढ़े तीन मीटर तक लंबे घड़ियाल दिख रहे हैं।
रेत में अंडे देती है मादा घड़ियाल
मादा घड़ियाल नदी की धारा से बाहर रेत में अंडे देती है। मादा घड़ियाल एक बार में 20 से 90 अंडे तक देती है। यही इनका घोसला होता है। मादा घड़ियाल अपने घोसले के आसपास ही नदी की धारा में रहकर उसकी रक्षा करती है। कई बार शिकारी जीव इनके अंडे खा जाते हैं या नष्ट कर देते हैं। जब अंडों से बच्चे निकलते हैं तो मादा घड़ियाल उन्हें अपने मुंह में भरकर नदी में छोड़ती है।
इंसानों पर कभी हमला नहीं करते
आमतौर पर घड़ियाल इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। ये छोटी मछलियों का शिकार करते हैं। ये ठंडे खून के प्राणी होते हैं और अपने शरीर का तापमान सामान्य रखने के लिए पानी से बाहर आकर मुंह खोलकर धूप सेंकते हैं। इनके इस तरह के व्यवहार से कई बार लोग डर जाते हैं, जबकि ये इंसानों पर हमला नहीं करते हैं।
ऐसा होता है घड़ियाल का आकार
घड़ियाल का मुंह लंबा होता है और थूथन पर घड़ेनुमा आकृति होती है। गंगा में मिलने वाले घड़ियाल पांच मीटर तक लंबे हो जाते हैं। कई बार नर घड़ियाल की लंबाई छह मीटर तक हो होती है। मिस्न की नील नदी के बाद गंगा में मिलने वाले घड़ियाल सबसे विशाल होते हैं।
इन्होंने कहा
गंगा में तीन मीटर से अधिक लंबे घड़ियाल दिख रहे हैं। इनकी उम्र करीब 100 साल है और इनकी लंबाई बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है। गंगा में घड़ियालों को अच्छा शिकार मिल रहा है।
संजीव यादव परियोजना निदेशक, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ
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