TGT परीक्षा स्थगित होने से अभ्यर्थियों को लगा झटका, छात्रों ने की मुख्यमंत्री से शीघ्र परीक्षा कराने की मांग
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा टीजीटी परीक्षा को पांचवीं बार स्थगित करने से छात्रों में निराशा है। 2022 में आवेदन लिए गए थे, पर अभी तक परीक्षा नहीं हुई है। शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों ने मुख्यमंत्री से जल्द परीक्षा कराने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज की ओर से पांचवीं बार टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) परीक्षा स्थगित करने से अभ्यर्थियों को करारा झटका लगा है। उन्होंने एक बार फिर परीक्षा स्थगित किए जाने पर आक्रोश जताया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष-2022 में मेरठ समेत प्रदेश के सभी 75 जिलों में संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी परीक्षा के लिए आवेदन लिए गए थे। तीन साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं हुई है।अभी तक यह परीक्षा आगामी 18 एवं 19 दिसंबर-25 को प्रस्तावित थी। मंगलवार को एक बार फिर परीक्षा को स्थगित करने के आदेश उप सचिव की ओर से जारी कर दिए गए हैं।
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिला मंत्री डा. राजेश कुमार शर्मा, ठकुराई गुट के जिला मंत्री पंकज शर्मा व महानगर उपाध्यक्ष राजेश त्यागी का कहना है कि मेरठ समेत प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में हजारों शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं।शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
बार-बार परीक्षा स्थगित करने से अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।वे तीन साल से तैयारियों में जुटे हुए हैं। सीसीएसयू के छात्र नेता विनीत चपराणा व अंकित अधाना ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा को एक बार फिर स्थगित किए जाने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए यह परीक्षा शीघ्र करायी जाए।

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