टीईटी अनिवार्यता का विरोध व पुरानी पेंशन बहाली की मांग...शिक्षकों ने बनाई अब यह रणनीति
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता, एनपीएस-यूपीएस और निजीकरण के विरोध में शिक्षकों और कर्मचारियों ने 25 नवंबर को दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा के नेतृत्व में दिल्ली में एक महारैली आयोजित की जाएगी, जिसमें देश भर के शिक्षक और कर्मचारी भाग लेंगे। सभी से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया गया है।

टीईटी की अनिवार्यता व पुरानी पेंशन को लेकर सिंचाई विभाग में हुई बैठक में शामिल पदाधिकारी। सौ. संघ
जागरण संवाददाता, मेरठ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता एवं एनपीएस-यूपीएस एवं निजीकरण के विरोध तथा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी आगामी 25 नवंबर को दिल्ली कूच करेंगे।
सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में रविवार को मंडलीय पदाधिकारियों की बैठक हुई।
अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पश्चिमी जोन प्रभारी चंद्रहास सिंह ने कहा कि 25 नवंबर को दिल्ली में टीईटी परीक्षा अनिवार्यता एनपीएस-यूपीएस एवं निजीकरण के विरोध में महारैली राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में होगी, जिसमें देश के लाखों शिक्षक एवं कर्मचारी लामबंद होकर प्रतिभाग करेंगे। कहा कि यह वक्त संगठित होकर संघर्ष करने का है। यदि संगठित होकर संघर्ष करेंगे तो निश्चित ही सुखद परिणाम मिलेंगे।
मंडलाध्यक्ष इंद्रेश यादव कहा कि संघर्ष शिखर पर है, संगठित होने की आवश्यकता है। जिलाध्यक्ष मुनीराम सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय तोमर ने कहा कि अटेवा ईमानदारी से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्षरत है। हमारा संघ अटेवा के आंदोलन में साथ है।
जिलाध्यक्ष बुलंदशहर राजन खान व गौतम बुद्धनगर रविन्द्र कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन हमारा संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए एकजुट होकर संघर्ष जारी रहेगा। मंडलीय संगठन मंत्री कृष्ण पाल सिंह एवं हापुड़ जिलाध्यक्ष राजमणि पाल ने सभी से 25 नवंबर को दिल्ली महारैली में शामिल की अपील की। जितेंद्र यादव, राजकुमार यादव, नरेश कुमार, मो. उवेश, अतुल श्रीवास्तव, राम बहादुर वर्मा व अजय शुक्ला ने बैठक में शामिल कर्मचारियों को संबोधित किया।

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