देशी माटी, विदेशी पैदावार : किसान की बगिया में थाइलैंड, आस्ट्रेलिया व चीन के फलों का लीजिए स्वाद
बागपत के किसान की बगिया में थाइलैंड व चीन का अमरूद आस्ट्रेलिया की जामुन आदि के पेड़ लगे हैं। सभी पेड़ों की अलग-अलग विशेषता है। रहतना गांव के सुखपाल से दूसरे किसान ले रहे प्रेरणा। दो बीघा भूमि के बाग में लगाए हैं विदेशी फलों के पेड़।

बागपत, वीरपाल सिंह। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान गन्ने की फसल को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं। वहीं बात बागपत के रहतना गांव के रहने वाले किसान सुखपाल की करें, तो उन्होंने गन्ने के बजाए दो बीघा भूमि में बागवानी की है। उनकी बगिया में थाइलैंड व चीन का अमरूद, आस्ट्रेलिया की जामुन आदि के पेड़ लगे हैं। सभी पेड़ों की अलग-अलग विशेषता है। सुखपाल क्षेत्र में अन्य किसानों को भी पेड़ लगवाने के लिए प्रेरित करते हैं।
विदेशी पेड़ों पर आता है साल भर फल
गन्ने की फसल में ज्यादा पैदावार लेने का दावा करने वाले किसानों के मिथक को तोड़ते हुए रहतना गांव के किसान 55 वर्षीय सुखपाल बागवानी की ओर बढ़े। कक्षा आठवीं उत्तीर्ण सुखपाल के दो पुत्र निशांत व विक्रांत भी बागवानी में हाथ बंटाते हैं। सुखपाल ने बताया कि उन्होंने आठ साल पहले अपनी दो बीघा भूमि का उपयोग बाग के रूप में कर रहे हैं। इस बाग में देशी के साथ विदेशी पेड़ भी लगा रखे हैं। देशी पेड़ जहां साल में एक या दो बार ही फल देते हैं, वहीं अधिकांश विदेशी पेड़ साल भर फल देते हैं। उनकी बागवानी में थाइलैंड व चीन के अमरूद के पेड़ लगे हैं, जिन पर साल भर फल लगे रहते हैं।
विदेशी पेड़ों की हैं कई खासियत
सुखपाल बताते हैं कि चीन के अमरूद के पेड़, पत्ती से लेकर फल फूल तक का रंग लाल है, खाने में कच्चा फल भी मीठा लगता है, तैयार अमरूद का वजन 500 ग्राम तक हो जाता है। बागवानी में आस्ट्रेलिया की जामुन की खासियत भी कम नहीं है। यह जामुन यहां के नीबू से बड़ी हो जाती है। थाइलैंड के नींबू का आकार ज्यादा बड़ा तो नहीं है, लेकिन रस यहां नींबू से काफी अधिक है, जिसमें बीज नहीं होता है। विदेशी पेड़ों में जामुन को छोड़कर दूसरे पेड़ों पर साल भर फल आता है। बाग में सेब, चीकू, कीवी, मौसमी, नींबू, संतरा, बेल पत्थर, आम आदि के पेड़ लगे हुए हैं।
उत्तराखंड से लाते हैं पौधे
सुखपाल ने बताया कि वह बिजनौर के धामपुर व स्योहारा के अलावा उत्तराखंड़ के कालागढ़, कोटद्वार आदि में स्थित नर्सरी से विदेशी पौधे लाकर क्षेत्र में दूसरे किसानों को भी लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। क्षेत्र के किसान भारतवीर, कृष्णपाल, सचिन व सतीश शर्मा ने बताया कि सुखपाल के प्रेरणा से उन्होंने भी बागवानी शुरू की है। उनके बाग में भी फलदार के अलावा फर्नीचर आदि के काम आने वाले यूकेलिप्टस, सागौन, शीशम, पापुलर, नीम आदि के लगे हैं।
इनका कहना है...
सुखपाल जैसे किसान बागवानी को बढ़ावा देने में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। बागवानी से जुड़े किसानों को गन्ने की फसल से अधिक कमाई हो रही है।
- दिनेश कुमार अरुण, जिला उद्यान अधिकारी

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