निकाल लीजिए रजाई-कंबल, यूपी में शीतलहर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड; 6.3 डिग्री सेल्सियस लुढ़का पारा
मेरठ में शुक्रवार रात सीजन की सबसे ठंडी रही। न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम है। ठंडी हवाओं के चलते कंप ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। शुक्रवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रही। पहली बार ठंड में कंपकंपी का अहसास हुआ। तापमान में अचानक इतनी गिरावट के पीछे मुख्य कारण पहाड़ों से ठंडी हवाओं का मैदानी क्षेत्रों में चलना बताया जा रहा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और एनसीआर में रात में खासी ठंड बढ़ गई।
मेरठ प्रदेश ही नहीं एनसीआर के सबसे ठंडे शहरों में शुमार रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आगामी सप्ताह के आरंभ में बूंदाबांदी और उसके बाद शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलेगा। ऐसा पूर्वानुमान विज्ञानियों ने सक्रिय होने वाले मौसमीय सिस्टम के आधार पर लगाया है।
ठंड का मौसम इस बार लगातार विलंबित होता जा रहा है। पहले अक्टूबर और नवंबर में 15 - 16 सालों में इस बार सबसे अधिक तापमान रहा है। दिसंबर के पहले छह दिन पारा खासा बढ़ा हुआ रहा। अधिकतम तापमान जो दिन में रिकार्ड होता है तीन दिनों तक 27 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहा है।

सूरज की तेज धूप में लग ही नहीं रहा था कि सर्दी का मौसम आ गया है। पिछले दिनों सक्रिय रहे पश्चिम विक्षोभ ने गुरुवार को पहाड़ों से विदा ली है। हिमालय क्षेत्र में बरसात और बर्फबारी हुई है। पहाड़ों से पश्चिम विक्षोभ के हटते ही बर्फीली चोटियों को स्पर्श करती हुई हवाएं मैदानों में उतर आई हैं। जिससे कंपकंपी बढ़ गई है।
बच्चे भी कांपते हुए सुबह स्कूल पहुंचे। दिन निकलने पर धूप ने राहत प्रदान की लेकिन बीच बीच में चल रही हवाएं सर्दी का अहसास करती रही। अधिकतम तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक था। शाम होने के बाद वातावरण में ठिठुरन बढ़ गई।
नौ और 10 को हो सकती है बूंदाबांदी
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि एक और पश्चिम विक्षोभ पहाड़ों पर आ रहा है। इसका प्रभाव रविवार को देखने को मिलेगा। नौ और 10 दिसंबर को कहीं कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। कहा इसके मंगल और बुद्धवार से शीतलहर चलने का अंदेशा है।
चिकित्सीय सलाह
- ठंड बढ़ने पर लोग अक्सर पानी कम पीते हैं। इससे थकान महसूस होती है। पाचन तंत्र को सही रखने के लिए पानी की मात्रा पर्याप्त लेना जरूरी हैं।
- ठंड और धुंध के दौरान दिल, दिमाग, लकवा, शुगर, बीपी और सांस के राेगियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। धूप निकलने पर ही ये रोगी बाहर निकलें।
- सुबह मार्निंग वाक पर निकलने से बचें। धूप निकले तभी निकलें। इंडोर व्यायाम यानि घर के अंदर व्यायाम करना ठीक होगा।
- ठंड मेंं आलस्य बहुत होता है। लोग बिस्तर से देर से उठते हैं। ऐसा न करें। शरीर को ऊर्जावान व सक्रिय रखने के लिए व्यायाम करना जरूरी है।
- ठंड से सर्दी, जुकाम, खांसी, एलर्जी, सांस लेने में तकलीफ, दमा व हार्ट अटैक का खतरा होता है। इसलिए लोग बचाव पर ध्यान दें।
- गर्म कपड़े पहनें। इनर शरीर में चिपक जाती है। इनर जरूर पहनें। ठंड से बचेंगे तो बीमारी से दूर रहेंगे।
- ठंड में गुनगुना पानी, गुड़, अदरक, पालक, बथुआ, मेथी और ताजे फल का सेवन लाभदायक है।
निमोनिया से बचाव को लगाएं वैक्सीन
वरिष्ठ जनरल फजिशियन डा. अमिताभ गौतम ने बताया कि ठंडी हवा से बचाव करना है। इससे श्वसन तंत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है। सर्दी, जुकाम, खांसी निमोनिया हो जाता है। छोटे बच्चे और बुजुर्गाें को निमोनिया से बचाव रखना है। निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन लगवा लें। इन दिनों वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण होने के अवसर अधिक होते हैं। साफ-सफाई पर ध्यान रखें।
प्रदूषण के साथ ठंड का असर घातक होता है। दिल और सांस के रोगियों को ठंड में बाहर नहीं निकलना है। गर्म कपड़े पहनकर घर के अंदर रहना है। अक्सर घर के अंदर होने पर लोग गर्म कपड़े उतार देते हैं और ठंड जकड़ लेती है। सांस के रोगियों को सुबह टहलने नहीं जाना है। शादी का सीजन है। खुले में देर तक नहीं बैठना है।
प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में मेरठ
मेरठ में न्यूनतम तापमान में पिछले 24 घंटों में तीन डिग्री की गिरावट हुई है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए खासा मायने रखता है। प्रदेश में ही नहीं एनसीआर के क्षेत्र के जनपदों में यह सबसे कम तापमान वाला क्षेत्र है। प्रदेश में बरेली मेरठ के समकक्ष 6.4 रहा। मुजफ्फरनगर में 7.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान
- मेरठ 6.3
- दिल्ली 7.1
- हिसार 4.5
- चंडीगढ़ 7.3
- मुजफ्फरनगर 7.6
- गौतम बुद्ध नगर 7.6
- बिजनौर 8
- बुलंदशहर 8
- आगरा 10.2

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।