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    358 करोड़ के बकाए के साथ चीनी मिल बंद

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 10 May 2021 03:15 AM (IST)

    सूबे की चीनी मिलों का पेराई सत्र-2021 समापन की तरफ बढ़ रहा है।

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    358 करोड़ के बकाए के साथ चीनी मिल बंद

    मेरठ, जेएनएन। सूबे की चीनी मिलों का पेराई सत्र-2021 समापन की तरफ बढ़ रहा है। मेरठ जनपद की मवाना चीनी मिल 644 करोड़ रुपये का 201.4 लाख कुंतल गन्ने का क्रेस करने के बाद सोमवार सुबह करीब चार बजे बंद हो गई। जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4 लाख कुंतल क्रश कम रहा। उधर, भुगतान में पिछड़ते हुए सिर्फ 45फीसदी यानि 285.65 करोड़ ही भुगतान कर सका। जबकि 358 करोड़ रुपये किसानों का बकाया रह गया।

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    मवाना चीनी मिल का पेराई सत्र दो नवंबर को शुरू हो गया था। हालांकि पेराई सत्र शुरू होने के पहले सप्ताह पेराई की गति धीमी रही लेकिन उसके बाद एक लाख से ऊपर पेराई रही जो बंदी तक रही। करीब 188 दिनों का चीनी मिल का सत्र रहा। जिसमें 644 करोड़ रुपये का 201.4 लाख कुंतल गन्ना खरीदा गया और क्रेस किया। जबकि साढ़े बीस लाख बोरे चीनी का उत्पादन हुआ। वर्तमान सत्र में पिछले पेराई सत्र 2019-20 के मुकाबले 4 लाख कुंतल गन्ना क्रश कम हुआ। जबकि चीनी बोरों का उत्पादन तीन लाख बोरे भी घटा है। चीनी उत्पादन कम होने का जिम्मेदार बी हैवी यानि मोलाइसिस शीरा उत्पादन रहा। जो डिस्टलरी नंगलामल को सप्लाई किया। चीनी कम उत्पादन कर बी हैवी सप्लाई कर करोड़ों रुपये कमाए।

    -बी हैवी उत्पादन से चीनी रिकवरी घटी,.. पर वारे न्यारे हुए

    पेराई सत्र-2019 में मवाना चीनी मिल की रिकवरी औसतन 11.58 रहा। जबकि इस बार 2021 का पूरे सत्र में प्रति कुंतल गन्ने में 10.20 रिकवरी रही। जिससे 1.25 रिकवरी गिरने से चीनी उत्पादन भी घटा लेकिन करोड़ों रुपये का सात लाख 55 हजार कुंतल बी हैवी मोलाइसिस शीरा डिस्टलरी नंगलामल को सप्लाई किया। जिससे चीनी बिक्री स्टाक की बंदिशों से मिल बाहर निकला और लगातार घाटे में जाने की बजाए मंदी से उबरने का प्रयास किया। वहीं, वारे के न्यारे हुए।

    -नौ लाख कुंतल बायो खाद का उत्पादन

    गन्ने में 65 प्रतिशत रस निकलता है। जिसमें 13 प्रतिशत सुक्रोज होता है। इसी से चीनी बनती है। जबकि उसी एक कुंतल गन्ने से साढ़े चार किलो बायो खाद का उत्पादन होता है। 201.4 लाख कुंतल गन्ना पेराई से करोड़ों रुपये की नौ लाख कुंतल बायो खाद उत्पादन किया। जिससे मिल से जुड़े किसानों में सप्लाई के साथ अन्य इकाइयों में काम आता है।

    इन्होंने कहा..

    रिकार्ड 201.4 लाख कुंतल गन्ने के क्रश के साथ पेराई सत्र का समापन हो गया। गन्ना खरीद का 45फीसदी 285.65करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के खाते में जा चुका। जैसे चीनी कोटा बाजार उठता रहेगा वैसे भुगतान होता रहेगा। बी हैवी मोलाइसिस या शीरा उत्पादन से चीनी उत्पादन से निर्भरता को कुछ हद तक कम किया और भुगतान भी सुचारू रखने में मदद मिली।

    अभिषेक श्रीवास्तव,अपर महाप्रबंधक गन्ना, चीनी मिल मवाना।