अब घर सुरक्षित पहुंचेंगे बच्चे, बैरियर की सहायता से करेंगे सड़क पार; देखें स्मार्ट बस का मॉडल
मेरठ के डीएन इंटर कॉलेज में 53वीं मंडल स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसमें 'विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत' विषय पर बाल वैज्ञानिकों ने कचरा प्रबंधन, हरित ऊर्जा, और स्मार्ट तकनीकों पर मॉडल प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी में स्मार्ट बस, कचरे से बिजली उत्पादन, और कचरे से ईंटें बनाने जैसे नवाचारी विचारों को दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी में मेरठ मंडल के छह जिलों से प्रतिभागी शामिल हुए।

राजकीय इंटर कॉलेज बहरामपुर जानी मेरठ की छात्रा रितिका व माही अपनी शिक्षिका के साथ प्रदर्शनी में स्मार्ट बस मॉडल के साथ। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। डीएन इंटर कालेज रेलवे रोड में मंगलवार से तीन दिवसीय 53 वीं मंडल स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी शुरू हुई। प्रदर्शनी में आए बाल विज्ञानियों के साथ शिक्षकों ने भी एक से बढ़कर एक माडल की प्रस्तुति की।
मेरठ समेत मंडल के सभी छह जिलों के करीब तीन सौ माडल के साथ यह बाल विज्ञानी व शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। इन माडलों में कचरे को लेकर बाल वैज्ञानिकों ने अपने माडल फोकस किया। वहीं, मंडल प्रदर्शनी के विजेताओं को राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा।
विद्यालय के सेठ दयानंद गुप्ता सभागार में मंगलवार को मुख्य अतिथि संयुक्त विकास आयुक्त बलराम प्रसाद, संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक ओंकार शुक्ल, पर्यवेक्षक डा. नारायण शरण, डीएन इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. सुशील कुमार सिंह, केवी कालेज माछरा के प्रो. विजय कुमार व डायट प्रवक्ता डा. मनतीत कौर ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
उप प्रधानाचार्य रविंद्र यादव, नगेंद्र तोमर, हरेंद्र चौधरी, परितोष कौशिक समेत विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे। संचालन शिक्षिका जनक अरोरा ने किया।
यह रहा प्रदर्शनी का विषय
प्रदर्शनी का प्रमुख विषय विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत रहा। जिसमें चिरस्थायी कृषि, कचरा प्रबंधन, हरित ऊर्जा, उभरी हुई प्रौद्योगिकी, मनोरंजक गणितीय माडलिंग, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, जल संरक्षण एवं प्रबंधन उप विषयों पर अपने माडल बनाए।
स्मार्ट बस से नहीं होंगे एक्सीडेंट
राजकीय इंटर कालेज बहरामपुर जानी मेरठ की छात्रा रितिका व माही ने शिक्षिका कीर्ति सिरोही व तनु के मार्गदर्शन में प्रदर्शनी में स्मार्ट बस का माडल प्रस्तुत किया है। इस बस से एक्सीडेंट नहीं होंगे। बच्चे सुरक्षित अपने घर तक पहुचेंगे। बस में ऐसा स्मार्ट बैरियर लगाया है कि जैसे ही स्मार्ट बस रूकेगी वह आने जाने वाले वाहनों को भी रूकने का संकेत देगा। जिससे बच्चे आसानी से रोड क्रास कर पाएंगे।
स्मार्ट ब्रिज व रेलवे स्टेशन से वृद्धों व दिव्यांगों को होगी आसानी
डा. केएन मोदी साइंस एंड कामर्स कालेज मोदीनगर गाजियाबाद के छात्र भविष्य सागर व काव्यांश सागर ने अपने गाइड राजीव वर्मा के निर्देशन में स्मार्ट ब्रिज व रेलवे स्टेशन का माडल बनाया है।
इसमें आटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम लगाया गया है। इसकी मदद से वृद्ध नागरिक एवं दिव्यांग आसानी से प्लेटफार्म पर पहुंच सकेंगे। यह प्लेटफार्म के लेवल का ही बनाया है। इससे वृद्धों व दिव्यांगों को बड़े ब्रिज में ऊंची सीढ़ियां नहीं चढ़नी होंगी।
कचरे से तैयार की बिजली
श्री सरस्वती विद्यालय इंटर कालेज जिला हापुड़ के 11 वीं के छात्र शाहनवाज फरदीन ने अवशिष्ट से विद्युत उत्पादन का माडल बनाया है।माडल के माध्यम से दिखाया है कि कचरा हमारे लिए वेस्ट है। इसका उपयोग हम बिजली बनाने के लिए कर सकते हैं। इसमें जीवाश्म ईधन की खपत होती है। यह ऊर्जा का विश्वसनीय और नवीकरणीय स्रोत प्रदान करता है। वहीं, राख का प्रयोग हम खाद, सड़क व कंकरीट निर्माण में भी कर सकते हैं।
कहां कितना कचरा मिलेगी जानकारी
जीजीआइसी विजयनगर गाजियाबाद की छात्रा प्रिया व महिमा ने घरों से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट का माडल प्रस्तुत किया। जिसमें वेबसाइट के माध्यम से बताया जाएगा कि वेस्ट प्रोडक्ट क्या उपयोगी एवं अनुप्रयोगी है।
जो अनुपयोगी है, उसका क्या करना चाहिए। इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे यह भी पता चलेगा कि कौन से इलाके में कितना कचरा है। कैसे मैनेज करना है। अथवा उस जगह पर कितने डस्टबिन लगने चाहिए। यह भी बताया जाएगा।
कचरे से तैयार की ईंट
संत जोजफ गर्ल्स इंटर कालेज सरधना की छात्रा सलोनी ने कचरे से ईंट बनाने का माडल प्रस्तुत किया। छात्रा का कहना है कि वर्तमान समय में प्लास्टिक कचरा और पर्यावरण प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन चुके हैं।
हमारे आसपास हर जगह प्लास्टिक फेंका जा रहा है। चाहे वह घर, स्कूल व बाजार अथवा सड़क हो। यह प्लास्टिक धीरे-धीरे मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक के नष्ट होने में दशकों लग जाता हैं। उसी का समाधान करने के लिए यह माडल बनाया है।
कचरे व प्लास्टिक से बनाई सजावटी वस्तुएं
एमएस इंटर कालेज सिकंदराबाद जिला बुलंदशहर की छात्रा साफिया व अलीशा ने कचरे एवं प्लास्टिक से उपयोगी व सजावटी वस्तुओं का निर्माण का माडल बनाया है।
प्लास्टिक के कचरे की बढ़ती समस्या के प्रबंधन के लिए प्लास्टिक का दोबारा उपयोग करने व कचरे को उपयोगी में बदलकर उपयोगी बनाने का रहा है। ऐसा करके प्लास्टिक प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

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