धनसिंह की जांबाजी के कायल हो गए थे कप्तान
ब्रिटिश हुकुमत से लोहा लेने वाले असंख्य वीर सियायत और इतिहास दोनों में धन सिंह कोतवाल का योगदान।
योगेन्द्र सागर, मेरठ ।
ब्रिटिश हुकुमत से लोहा लेने वाले असंख्य वीर सियायत और इतिहास दोनों के हाथों छले गए। देश के हजारों सपूतों की कुर्बानी शब्दों का आकार नहीं ले पाई। धनसिंह कोतवाल भी उन्हीं में से एक थे। क्रांति दिवस पर धनसिंह की वीरता सुनकर कप्तान राजेश कुमार पांडेय कायल हो गए थे। उसी क्षण उन्होंने धनसिंह को राष्ट्रीय पहचान दिलाने और कुर्बानी को सम्मान दिलाने का संकल्प लिया।
10 मई, क्रांति दिवस। उधमसिंह नगर(उत्तराखंड) में राजकीय कालेज के सहायक प्रोफेसर और इतिहासकार डा. सुशील भाटी ने कप्तान को धनसिंह की गौरवमयी गाथा सुनाई। इससे अभिभूत पांडेय ने एडीजी और डीजीपी के सामने इस जांबाज का गुणगान किया। निर्णय लिया गया कि धनसिंह की प्रतिमा उसी थाने में लगेगी, जिसमें वह आजादी के दौरान कोतवाल थे। सदर बाजार थाना परिसर का चयन किया गया। इतिहासकार अशोक चौधरी और धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना ने कार्यक्रम को धरातल पर उतारने का जिम्मा उठाया। मंगलवार को हुए प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में अपने संबोधन में कप्तान ने कहा कि धन सिंह की वजह से पुलिस महकमा गौरवान्वित है। देश पर कुर्बान होने वाले सपूत को सम्मान दिलाने उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि होगी।
साढ़े तीन लाख पुलिसकर्मियों का बढ़ाया जाएगा ज्ञान
डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मियों का सामान्य और सर्विस ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रदेश के समस्त पुलिसकर्मियों को करीब साढ़े तीन लाख पुस्तिकाएं वितरित की जाएंगीं। पुस्तिका में अमर शहीद धन सिंह कोतवाल से लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी होगी।
पति शराब पीता है, तो बताएं
पुलिस लाइन में डीजीपी ने कहा कि पिछले दिनों एक पुलिसकर्मी की पत्नी ने उनसे शिकायत की थी कि उसका पति ज्यादा शराब पीता है। इस कारण परिवार भुखमरी की कगार पर है। शिकायत पर उन्होंने संबंधित जिले के एसपी से बात की और आरक्षी को बुलवाकर हिदायत दी कि वह अपने परिवार को भी देखे। इस तरह यदि किसी भी परिवार में कोई परेशानी है, तो वह उन्हें बताएं। --------------
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