नाटक के ऑनलाइन रिहर्सल से शॉर्ट वीडियो फिल्म तैयार
लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद है। लोग संक्रमण के डर से घरों से नहीं निकल रहे हैं लेकिन उनकी प्रतिभाएं घर से निकलकर सामने आ रहीं हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर रचनात्मक कार्यों से ऐसी प्रतिभाएं समाज को संदेश भी दे रही है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद है। लोग संक्रमण के डर से घरों से नहीं निकल रहे हैं, लेकिन उनकी प्रतिभाएं घर से निकलकर सामने आ रहीं हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर रचनात्मक कार्यों से ऐसी प्रतिभाएं समाज को संदेश भी दे रही है। कुछ ऐसी ही कोशिश रंगकर्मी भारत भूषण ने की है। स्टेज पर नाटक का रिहर्सल बंद होने और कलाकार न मिलने की वजह से उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अपने पौत्र और पौत्री को लेकर शॉर्ट वीडियो फिल्म बना दी, जिसे काफी लोगों ने सराहा है। भारत भूषण यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष व थियेटर के कलाकार हैं। लॉकडाउन की वजह से इस समय स्टेज शो भी बंद हैं। स्टेज पर रिहर्सल भी नहीं हो पा रहा है। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए थियेटर के कलाकार चाहकर भी एक साथ नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में भारत भूषण ने अपने पौत्र और पौत्री को लेकर स्क्रिप्ट तैयार की, जिसमें कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाने वाले संवाद लिखे। लॉकडाउन की वजह से दोनों बच्चे दिल्ली में हैं। इसलिए भारत भूषण ने वीडियो काल से दोनों बच्चों को पूरी स्क्रिप्ट पर रिहर्सल कराया। फिर शॉर्ट फिल्म बनाकर उसे यू-ट्यूब और अन्य सोशल साइटों पर अपलोड किया। एक उम्दा थियेटर के कलाकार की तरह दोनों बच्चों के संवाद को आनलाइन प्लेटफार्म पर काफी लोग पसंद कर रहे हैं। बच्चों की फीस न मिलने से अटका शिक्षकों का वेतन मेरठ : कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां फरवरी का वेतन भी शिक्षकों को नहीं मिला है। मार्च भी बीतने पर स्कूल वेतन नहीं दे पा रहे हैं। स्कूलों का कहना है कि लॉकडाउन में परिजनों ने बच्चों की फीस जमा नहीं कराई है। शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन स्कूल को मिलने वाली फीस से ही जाता है। ऐसे में सोमवार को उपमुख्यमंत्री के फीस जमा कराए जाने संबंधी घोषणा पर स्कूलों ने खुशी व्यक्त करते हुए परिजनों से आग्रह किया है कि जो लोग ऑनलाइन फीस जमा करा सकते हैं, जरूर जमा कराएं, जिससे शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके। मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स के सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार अब अधिकतर परिजन ऑनलाइन ही फीस जमा कराते हैं। वे अपने घर से ही स्कूल की फीस जमा करा सकते हैं। यह संभव है कि लोगों के हाथ में कम पैसे हों। ऐसे में यदि परिजन आधी फीस भी जमा करा देंगे तो शिक्षकों व कर्मचरियों को कुछ वेतन दिया जा सकेगा, जिससे उनका खर्च चलता रहेगा। यदि किसी परिजन के पास स्कूल में ऑनलाइन फीस जमा कराने की जानकारी न हो तो वे अपने स्कूल से संपर्क कर बैंक डिटेल्स ले सकते हैं और फीस जमा करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी परिजन पर फीस जमा कराने का दबाव नहीं बनाया जा रहा है, लेकिन वे स्वेच्छा से फीस जमा कराएंगे, तो स्कूल की मदद हो सकेगी। ज्ञातव्य है कि कुछ स्कूलों में दो महीने से वेतन न मिलने पर शिक्षक परेशान हैं और मुख्यमंत्री तक शिकायत भी कर चुके हैं।