UP के दुकानदार बोले- कार्रवाई हुई तो बर्बाद हो जाएगा बाजार... SC ने 1478 अवैध निर्माण को हटाने का दिया आदेश
मेरठ के शास्त्रीनगर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1478 अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश से व्यापारियों में निराशा है। पहले एक कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मेरठ। भूखंड संख्या 661/06 पर स्थित कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण से जहां 22 व्यापारियों का रोजगार समाप्त हो गया था वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी 1478 अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया है। जिससे सेंट्रल मार्केट समेत पूरे शास्त्रीनगर में व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन समाप्त कराने के दौरान किए गए वादों के पूरा न हो पाने, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यापारियों की पीड़ा और उसके समाधान के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी न दिए जाने से व्यापारी खासे नाराज हैं। जागरण संवाददाता से बातचीत में व्यापारियों ने अपना दर्द बयां किया।
उनका कहना है कि अधिकांश व्यापारियों के पास दुकान के अलावा रोजी रोटी का कोई दूसरा साधन नहीं है। यदि इतनी बड़ी संख्या में निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई की गई तो व्यापारियों के साथ साथ पूरा बाजार ही बर्बाद हो जाएगा।
भूखंड संख्या 656 में संचालित लाभ संस के मालिक वैभव विरमानी ने बताया कि उनके पिता सतीश विरमानी और भाई गौरव विरमानी समेत तीनों लोग इसी दुकान का संचालन करते हैं। दूसरा कोई साधन रोजगार का नहीं है। भूखंड संख्या 661 पर हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से सभी सहमे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बचाव का कानूनी रास्ता भी तलाश करने में व्यापारी नेता जुटे हैं। दुकान यदि टूटती है तो हमारे परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
प्रेम पूजा केंद्र पर हर्ष उसका भाई सौरभ और मां कामिनी बैठकर व्यापार चलाते हैं। बुधवार को तीनों दुकान पर मौजूद तो थे लेकिन उदास थे। सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद उनका मन काम में नहीं लग रहा था। हर्ष और सौरभ ने बताया कि इसी बाजार में उनका परिवार पिछले बीस साल से है। इसी तनाव के बीच दो महीने पहले उनके पिता प्रेम कुमार का निधन हो गया था। बाजार में एक कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण के बाद से ही ग्राहकों की संख्या कम हो गई है। यदि इतनी बड़ी संख्या में निर्माण को तोड़ा जाता है तो पूरा बाजार ही बर्बाद हो जाएगा। दुकान जाती है तो हमारा परिवार क्या करेगा?
टैक्स वसूल रहे व्यवसायिक पर दुकान नहीं मान रहे
टाम एंड जेरी शोरूम के मालिक रजत गोयल की दुकान भूखंड 661 के कांप्लेक्स में थी कांप्लेक्स टूटने के बाद उन्होंने पास ही दूसरे कांप्लेक्स में किराये पर दुकान ले ली। अब इस कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश भी कोर्ट ने दे दिया है। जिससे वे निराश हैं। रजत गोयल ने बताया कि व्यापार के जमने में वर्षों लग जाते हैं।
दुकान ध्वस्त होने के बाद उन्होंने यहां दुकान खोली है लेकिन ग्राहक काफी कम हैं। खर्चा बढ़ गया है फिर से व्यापार जमाने में समय लगेगा लेकिन उससे पहले ही फिर से ध्वस्तीकरण का आदेश आ गया। फिर से दुकान शिफ्ट करनी होगी। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान का बैनामा व्यवसायिक स्टांप शुल्क देकर हुआ। पहले वैट और अब जीएसटी वसूली जा रही है। नगर निगम भी टैक्स दुकान का लेता है लेकिन फिर भी आवास विकास इस भवन को धरेलू बताता है। यह अन्याय है।
व्यापारियों का पक्ष कोर्ट में रखें अधिकारी
सरदार जी गिफ्ट सेंटर के मालिक राजप्रीत सिंह ने बताया कि उनके पिता ने लगभग 15 साल पहले जैसे तैसे करके यहां दुकान शुरू की थी। पूरे जीवन की जमा पूंजी लगाई थी। उन लोगों के साथ धोखा हुआ है। परिवार के भरण पोषण के लिए कोई दूसरा रोजगार नहीं है। दुकान जाती है तो वे सभी बेरोजगार हो जाएंगे। सभी अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गई तो पूरा बाजार ही खत्म हो जाएगा। घोषित रूप से बाजार मार्केट के छोटे से भाग में है।

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