स्कूली बच्चे कर रहे एसआइआर का काम ...गलती हुई तो कौन होगा जिम्मेदार
मेरठ में जिला प्रशासन द्वारा एसआईआर के काम में स्कूली बच्चों को लगाने पर सवाल उठ रहे हैं। रविवार को सदर तहसील में बच्चों से डाटा एंट्री कराई गई, जहाँ बीएलओ फार्म ला रहे थे और बच्चे उन्हें ऑनलाइन चढ़ा रहे थे। गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी कौन लेगा, यह स्पष्ट नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि एनसीसी और डिग्री कॉलेजों के बच्चों को वालंटियर के तौर पर लगाया गया है और बीएलओ मिलान के लिए जिम्मेदार हैं।

सदर तहसील में बीएलओ द्वारा दिए जा रहे एसआइआर फार्म को स्कूलों के बच्चे आनलाइन भरते हुए। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। जनपद में इस समय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का काम तेजी से चल रहा है। जिला प्रशासन के कर्मचारियों के साथ-साथ यह काम अब स्कूली बच्चों भी करे रहे हैं। रविवार को सदर तहसील के हाल में एसडी इंटर कालेज सदर समेत कई स्कूलों के बच्चों को बुलाकर डाटा एंट्री का काम कराया गया। बीएलओ उन्हें भरे हुए एसआइआर फार्म बाहर से लाकर दे रहे हैं। बच्चे उन्हें निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर रहे हैं। सवाल यह है कि यदि बच्चों ने नाम व पते या फिर अन्य कालम में कोई गलती कर दी तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।
बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) घर-घर से गणना पत्र एकत्रित करके तहसील सदर में ला रहे हैं। यहां पर बैठे अलग-अलग स्कूलों के 15 से 20 बच्चे इन फार्म को आनलाइन अपलोड कर रहे हैं। अधिकतर बच्चे अपना ही मोबाइल प्रयोग कर रहे हैं। उन्हें केवल सरकारी वाईफाई कनेक्शन दिया गया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर ये बच्चे मतदाताओं के फार्म को अपलोड कर रहे हैं। अपलोड करते हुए बच्चे यदि बीएलओ से कुछ पूछ रहे हैं तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। ऐसे में यदि इन स्कूली बच्चों से आनलाइन फार्म भरने में गड़बड़ी होती है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा, इस बारे में कोई स्पष्ट बताने को तैयार नहीं है।
इन तारीखों में पूरा करना होगा काम
-चार नवंबर से लेकर चार दिसंबर तक बीएलओ गणना पत्र वितरित और भरकर एकत्रित करेंगे।
-नौ दिसंबर को मतदाता सूची को प्रकाशित करने की तारीख है।
-नौ दिसंबर से आठ जनवरी तक दावा और आपत्ति दाखिल करनी है।
-नौ दिसंबर से 31 जनवरी तक नोटिस जारी करना, दावा आपत्ति का निस्तारण करना है।
-सात फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाश करना है।
कैडेट्स और कालेजों के बच्चों को वालंटियर के रूप में डाटा एंट्री के काम में लगाया गया
एनसीसी कैडेट्स और डिग्री कालेजों के बच्चों को वालंटियर के रूप में डाटा एंट्री के काम में लगाया गया है। काम अधिक है और कर्मचारी कम, इसलिए उन्हें लगाया गया है। निर्वाचन आयोग का भी आदेश है कि वालंटियर से काम लिया जा सकता है। इन्हें बाद में प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा, जो आगे चलकर उनके काम आएगा। स्कूलों के बच्चों से काम नहीं लिया जा रहा है। इन बच्चों की ओर से जो भी फार्म अपलोड किया जा रहा है, उसका मिलान करने की जिम्मेदारी बीएलओ की ही है।-सत्यप्रकाश सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी एवं एडीएम-प्रशासन

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