मेरठ में नीले ड्रम वाली मुस्कान के परिवार वाले क्यों छोड़ रहे शहर? लगाए 'मकान बिकाऊ' के पोस्टर
मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में नया मोड़ आया है। आरोपी पत्नी मुस्कान का परिवार मकान बेचकर शहर छोड़ना चाहता है, क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी छोटी बेटी भी मुस्कान की राह पर न चल पड़े। मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल पर हत्या का मुकदमा चल रहा है, जिसका जल्द ही फैसला आने वाला है। परिवार को मुस्कान के कृत्य के चलते शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। देश को हिलाकर रख देने वाले सौरभ राजपूत हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। हत्यारोपित पत्नी मुस्कान का परिवार मकान बेचकर शहर छोड़ना चाहता है। बाकायदा मकान बेचने के पोस्टर भी घर की दीवार पर लगा दिए है। पुलिस जांच में इसका कारण छोटी बेटी भी मम्मी पापा का कहना नहीं मानती है।
परिवार को डर सता रहा है कि वह भी बड़ी बेटी की राह पर न चल पड़े। इसलिए उन्होंने मकान बेचने का निर्णय लिया है। दूसरी तरफ मुस्कान और उसके हत्यारोपित प्रेमी साहिल शुक्ला के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जल्द ही निर्णय आने वाला है।
तीन मार्च की रात को ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में सौरभ राजपूत की हत्या कर शव को ड्रम में डालकर सीमेंट से सील कर दिया था। वारदात को सौरभ की पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेम शाहिल शुक्ला के साथ मिलकर अंजाम दिया था। हत्या करने के बाद दोनों ही हिमाचल में घूमने चले गए थे।
17 मार्च को लौटने के बाद ड्रम को ठिकाने लगाने का प्रयास किया। तब 18 मार्च को पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया। 19 मार्च को पुलिस ने मुस्कान और शाहिल को पकड़कर जेल भेज दिया था। पति की हत्या करने के बाद मुस्कान ने अपने प्रेमी शाहिल शुक्ला से हिमाचल में शादी भी की थी।
मुस्कान की एक बेटी है, साथ ही उसके गर्भ में भी बच्चा है। फिलहाल मुस्कान और साहिल दोनों ही जेल में बंद हैं। पुलिस के आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल करने के बाद सौरभ राजपूत हत्याकांड में तेजी से सुनवाई चल रही है, जल्द ही निर्णय आने वाला है। उधर, मुस्कान की मां कविता रस्तोगी और पिता प्रमोद रस्तोगी ब्रह्मपुरी के इद्रानगर में बेटी और बेटे के साथ रहते हैँ।
उनके साथ ही मुस्कान की बेटी भी रहती है। पुलिस के मुताबिक, प्रमोद रस्तोगी की दूसरी बेटी भी पापा-मम्मी की बात को अनसुना कर रही है। ऐसे में पापा मम्मी को डर है कि वह मुस्कान की राह पर न चल दे। इसलिए उन्होंने इस शहर को ही छोड़ने का निर्णय लिया है।
उसके लिए मकान बेचने का पोस्टर घर पर लगा दिया है। हालांकि मुस्कान के कृत्य के चलते इस परिवार को पहले से ही शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही थी। उनके कारोबार पर भी उसका असर पड़ रहा था। प्रमोद रस्तोगी का यही कहना है कि अब इस शहर में नहीं रहेंगे। इसके साथ हमारी बुरी यादें जुड़ी हुई हैं। इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी ने बताया कि उन्हें भी मकान बिकने की जानकारी मिली है।
सौरभ के पैसों से खरीदा गया था मकान
सौरभ राजपूत की मां और भाई राहुल ने बताया कि यह मकान सौरभ की कमाई से खरीदा गया था, जो बिकना ही था। उन्होंने कहा कि मुस्कान के इस कृत्य के बाद उनके पिता का कारोबार भी डूब गया है। परिवार कालोनी में निकलने लायक नहीं रहा है। इसलिए परिवार को मकान बेचकर जाने में ही फायदा है। ताकि दूसरे शहर में नए तरीके से जिंदगी यापन कर सकें।

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