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    2 घंटे धरने के बाद जब CM Yogi ने अतुल प्रधान को बैठक में बुलाया, विधायक ने अंदर जाते ही कही ये बात

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 01:02 PM (IST)

    विधायक अतुल प्रधान को ऊर्जा भवन में मंडलीय समीक्षा बैठक में शामिल होने से रोका गया जिसके कारण उन्होंने प्रवेश द्वार पर धरना दिया। बाद में एडीएम सिटी उन्हें बैठक में ले गए जहाँ उन्होंने मुख्यमंत्री से नाराजगी जताई और क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

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    दो घंटा धरने के बाद सीएम ने विधायक अतुल प्रधान को बैठक में बुलाया

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ऊर्जा भवन में आयोजित मंडलीय समीक्षा बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे, लेकिन सूची में नाम न होने के कारण उन्हें बाहर ही रोक लिया गया। इससे नाराज विधायक प्रवेश द्वार पर ही धरना देकर बैठ गए। उन्होंने हाथ में विपक्ष का विधायक लिखी तख्ती भी ले रखी थी। उनका धरना दो घंटे तक चला।

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    इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया कि यह बैठक मंडलीय है अथवा भाजपा के लोगों की? यदि मंडलीय बैठक है तो हमें अंदर जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि हम शहर की समस्याएं सीएम के सामने उठाएंगे, इसीलिए भीतर नहीं जाने दिया गया।

    शाम लगभग सात बजे जब जनप्रतिनिधियों की बैठक खत्म हुई और मंडलीय समीक्षा बैठक शुरू होने लगी तो एडीएम सिटी बृजेश सिंह उन्हें अपने साथ भीतर ले गए। बैठक में अतुल प्रधान ने जाते ही सीएम से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्ष का मैं अकेला विधायक आया और मुझे अंदर नहीं आने दिया गया।  सीएम ने कहा कि हमने सूचना मिलते ही आपको बुला लिया।

    बैठक में सीएम के सामने रखी जलभराव, गोशाला, भूमाफिया, जाम की शिकायत

    अतुल प्रधान ने बताया कि सीएम को उन्होंने अवैध कालोनी बसाने वाले भूमाफिया को जेल भेजने, जनपद में बढ़ रहे अपराध, नशे के कारोबार, जाम की समस्या, टूटी और क्षतिग्रस्त सड़कों, शहर में जलभराव, कान्हा उपवन गोशाला में गोवंशीय की मौत, बिजली संकट, तालाबों की सफाई न होने से गांवों में भरे पानी, तहसीलों में भ्रष्टाचार, मेडिकल कालेज में इलाज में लापरवाही की शिकायत की।

    उन्होंने मसूरी से दौराला, सरधना और भूनी होते हुए बड़ौत तक के मार्ग को राज्यमार्ग का दर्जा देकर निर्माण कराने की मांग की। गंग नहर की पटरी के अटके कार्य को भी जल्द पूरा कराने, काली नदी की सफाई कराने की मांग की।

    उन्होंने बताया कि सीएम ने सभी समस्याओं को सुना और बैठक के अंत में अफसरों को दिशा निर्देश दिए। मेडिकल कालेज की निगरानी की जिम्मेदारी उन्होंने कमिश्नर को सौंपी, जबकि जिला स्तरीय योजनाओं की नियमित समीक्षा का कार्य डीएम को सौंपा।