संजय वन को मिलेगा नया रूप, 8 करोड़ की लागत से बनेगा मेरठ का सबसे खूबसूरत पार्क; इस दिन से होगा शुरू
मेरठ के संजय वन का जल्द ही सौंदर्यीकरण होगा। वन विभाग 15 दिनों में काम शुरू करेगा जिसके तहत पार्क झूले और कैंटीन बनेंगे। लोग वन्य जीव संग्रहालय का आनंद भी ले सकेंगे। 38 एकड़ में फैले इस वन में वाकिंग ट्रैक साइकिल ट्रैक और बोटिंग की सुविधा भी होगी। मेडा द्वारा जारी आठ करोड़ रुपये के बजट से वॉच टावर को आधुनिक बनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर के लोगों के लिए यह खुशी की बात है कि संजय वन का सौंदर्यीकरण हो रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो आगामी 15 दिनों के अंदर वन विभाग यहां पर काम शुरू कर देगा। वन विभाग आठ टेंडर दे चुका है। इक्का दुक्का बचा है, उसे तीन दिन के अंदर जारी कर देगा।
इसके बाद यहां पर शहर के लोगों के लिए घूमने का पार्क, झूले, अत्याधुनिक कैंटीन आदि काम होंगे। यहां घूमने के साथ साथ लोग वन्य जीवों के संग्राहलय का भी आनंद ले सकते हैं। जिसमें गोरैया, कबूतर, पैरेट आदि पक्षी बच्चों को दिखाई देंगे।
दिल्ली रोड स्थित संजय वन 38 एकड़ में फैला है। इसके आसपास शताब्दीनगर, रिठानी, मोहकमपुर, न्यू शंभूनगर, राजकमल एन्क्लेव, सरस्वती लोक, सुपरटेक ग्रीन विलेज, सुपरटेक पामग्रीन, अराध्या हाइट्स, अल्पाइन हाइट्स, पर्ल रेजीडेंसी समेत कई बहुमंजिला इमारतें हैं।
इनमें रहने वाले लोग सुबह शाम सैर के लिए संजय वन आते हैं। अभी यहां की हालत खराब है। इसमें बंद पड़े झरने, आगंतुक कक्ष, वाच टावर, कैंटीन, रास्ते और हिरण पार्क जैसी प्रमुख संरचनाएं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। संजय वन ईको टूरिस्ट और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षिक करने की क्षमता रखता है। इन सभी की पुर्नस्थापना कर मेडा द्वारा जारी किए गए आठ करोड़ रुपये के बजट से संवारा जाएगा।
संजय वन में यह होगा काम
वन विभाग के प्रभागीय निदेशक वानिकी राजेश कुमार ने बताया कि वाकिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, प्राकृतिक पगडंडी, कैफेटेरिया, दो पार्क, एक तालाब जिसमें बोटिंग की व्यवस्था होगी आदि काम कराया जाएगा। वाच टावर को आधुनिक तरीके से तैयार किया जाएगा। दिल्ली रोड व रैपिड रेल स्टेशन शताब्दीनगर के नजदीक होने के कारण यहां लोगों का अधिक आना-जाना रहेगा। इसे लेकर विभाग की ओर से योजना तैयार की गई है।
संजय वन में काम कराने के लिए आठ टेंडर जारी दिए गए हैं। आगामी 15 दिन के अंदर यहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा। मेडा ने पैसा मंजूर कर दिया है। समय समय पर किश्त मिलती रहेगी।
राजेश कुमार, प्रभागीय निदेशक वानिकी
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