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    सच्ची कोशिश और पक्की लगन से तोड़ दिया चुनौतियों का पहाड़... नाम है रिया सिंह सोलंकी

    By Amit Tiwari Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 01:46 PM (IST)

    मेरठ की रिया सिंह सोलंकी ने शारीरिक बाधाओं को पार करते हुए पैरा एथलेटिक्स में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। एफ-46 वर्ग में शाटपुट एथलीट रिया अब एशियन गेम्स में देश के लिए पदक जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। रिया ने 2018 में दौड़ से शुरुआत की, लेकिन बाद में शाटपुट को अपनाया और कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते। रिया ने दुबई में आयोजित पैरा ग्रांड प्रिक्स में भी भाग लिया।

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    प्रतियोगिता के दौरान शाटपुट फेंकती पैरा एथलीट रिया सिंह सोलंकी। सौ. स्वयं

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सच्ची कोशिश और पक्की लगन से हर चुनौती से पार पाना मुमकिन है। यह साबित किया है पैरा एथलीट रिया सिंह सोलंकी ने। जन्म से ही कोहनी के नीचे से बायां हाथ नहीं होने के बावजूद रिया दाहिने हाथ से शाटपुट की स्वर्णिम एथलीट बनकर उभरी हैं। पैरा एथलेटिक्स के एफ-46 केटेगरी की शाटपुट एथलीट रिया राष्ट्रीय रिकार्डधारी बनने के बाद अब एशियन गेम्स में देश के लिए पदक जीतने को आतुर हैं।

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    प्रभात नगर निवासी रिया मेरठ कालेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। उनके पिता अंशुमन सिंह सोलंकी ड्राइवर हैं जबकि माता साक्षी घरों में खाना बनाती हैं। दो बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी रिया को खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा उनके स्व. ताऊ दीप सोलंकी से मिली थी। पिता अंशुमन बेटी रिया को लेकर कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोच गौरव त्यागी से मिले। नवंबर 2018 में रिया ने 100 और 200 मीटर दौड़ में प्रशिक्षण शुरू किया। प्रदेश स्तर तक पदक जीते।

    कोविड के बाद कोच ने शाटपुट में आगे बढ़ने का सुझाव दिया। 2021 से शाटपुट में प्रशिक्षण शुरू कर उसी वर्ष राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में नौवें स्थान पर रहीं। 2022 में भुवनेश्वर में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहीं और कांस्य पदक जीता। 2023 में खेलो इंडिया पैरा गेम्स में रिया ने स्वर्णिम शुरुआत की। दिसंबर 2024 में गोवा में हुए पैरा नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 2025 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता और खेलो इंडिया दोनों स्वर्ण पदक जीते। इसी वर्ष फरवरी में दुबई में आयोजित पैरा ग्रांड प्रिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गईं। वहां उनकी केटेगरी का शाटपुट इवेंट नहीं होने पर भाला फेंक में हिस्सा लिया और चौथे स्थान पर रहीं।

    रिकार्ड बनाया, अब देश के लिए जीतना है पदक
    रिया की कैटेगरी में शाटपुट का नेशनल रिकार्ड अभी तक किसी भी खिलाड़ी का दर्ज नहीं हुआ है। हालांकि रिया ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए आयोजित ट्रायल प्रतियोगिता में 9.37 मीटर की दूरी तय की थी, जो अब तक उनकी कैटेगरी में सबसे अधिक है। रिया की निकटतम प्रतिद्वंद्वी उततराखंड की अमीषा रावत हैं जिन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में एफ-46 कैटेगरी में 9.25 मीटर की दूरी नाप कर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

    अमीषा के अलावा रिया एशियन गेम्स में अपनी प्रतिद्वंद्वी उजबेकिस्तान की नोवा और वैश्विक स्तर पर वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर अमेरिकी पैरा एथलीट नोएल मल्कामाकी को प्रतिद्वंद्वी मानती है और उनसे आगे निकलने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। नोएल ने 2024 के पैरा पेरिस पैरालिंपिक ट्रायल में 13.60 मीटर दूरी नाप कर विश्व रिकार्ड बनाया था। रिया ने बताया कि वह वर्तमान अभ्यास सत्रों में 10.50 मीटर तक की दूरी तय कर रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि एशियन गेम्स तक यह प्रदर्शन और बेहतर हो जाएगा।

    प्रोफाइल
    नाम :                रिया सिंह सोलंकी
    जन्म तिथि :         07 जुलाई 2005
    खेल :               पैरा एथलेटिक्स शाटपुट
    कैटेगरी :           एफ-46
    पिता :             अंशुमन सिंह सोलंकी
    माता :             साक्षी सिंह सोलंकी