Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हस्तिनापुर में बनेगा आठ तेंदुओं की क्षमता का रेस्क्यू सेंटर, पिज्जा के तिकोने टुकड़े जैसा होगा बाड़ा

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Tue, 26 Apr 2022 09:00 AM (IST)

    Leopard Rescue Center हस्तिनापुर वन सेंक्चुअरी में तेंदुआ रेस्‍क्‍यू सेंटर को लेकर कवायद शुरू हो गई है। प्रथम चरण के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था का चयन। 10 हेक्टेयर भू-भाग पर बनेगा सेंटर पश्चिम के 12 जिले होंगे कवर। वहीं दूसरी ओर स्टाफ के रहने के लिए क्वार्टर भी बनेंगे।

    Hero Image
    Leopard Rescue Center मेरठ में हस्तिनापुर बनाया जाएगा आठ तेंदुओं की क्षमता का रेस्क्यू सेंटर।

    ओम बाजपेयी, मेरठ। Leopard Rescue Center हस्तिनापुर वन सेंक्चुअरी में प्रथम चरण में आठ तेंदुओं की क्षमता का रेस्क्यू सेंटर बनेगा। रेस्क्यू सेंटर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। शासन स्तर से कार्यदायी संस्था भी नामित हो गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में मानव आबादी क्षेत्र से पकड़े गए तेंदुए इस सेंटर में रखे जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेस्क्यू सेंटर का डिजाइन तैयार

    मेरठ समेत प्रदेश के चार अन्य स्थानों में बनने वाले लेपर्ड रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने का अनुमोदन सेंट्रल जू अथारिटी ने एक वर्ष पूर्व कर दिया था। देश में वन्य जीवों के अन्य रेस्क्यू सेंटर और इटावा में बने सफारी पार्क की विशेषताओं को समाहित करते हुए रेस्क्यू सेंटर का डिजाइन तैयार किया गया है। मनुष्य की आबादी वाले क्षेत्रों में आए दिन तेंदुओं के घुसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन तेंदुओं को पकडऩे के दौरान वह कई बार घायल हो जाते हैं तो इलाज के लिए कानपुर या लखनऊ चिडिय़ाघर ले जाया जाता है। इसी को लेकर लेपर्ड रेस्क्यू सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। मेरठ में बनने वाला रेस्क्यू सेंटर सहारनपुर से गाजियाबाद व सहारनपुर से मुरादाबाद तक का भू-भाग कवर करेगा।

    पिज्जा के तिकोने टुकड़े जैसा होगा बाड़े का आकार

    10 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में बनने वाले रेस्क्यू सेंटर के वृत्ताकार भू-भाग को 16 भागों में विभक्त कर इतने ही बाड़े बनाए जाएंगे। प्रथम चरण में आठ बाड़े तिकोने आकार के होंगे। मानो किसी गोल पिज्जा को 16 भागों में काट दिया गया हो। इसमें एक पक्का निर्माण होगा जिसमें भोजन आदि देने की व्यवस्था रहेगी। बाड़े में पिंजरानुमा भाग के साथ स्वच्छंद विचरण के लिए खुला मैदान भी होगा। इसमें कुछ प्लेटफार्म ऐसे बनाए जाएंगे जहां तेंदुओं को उछल-कूद का मौका मिले। यह व्यवस्था वहां उपलब्ध पेड़ और प्राकृतिक संसाधानों से कम से कम छेड़छाड़ करते हुए बनाए जाएंगे। बाड़ों का खुला भाग भी लोहे की मजबूत जाली से घेरा जाएगा।

    अस्पताल, किचन और पोस्टमार्टम सेंटर

    रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्य जीवों के उपचार की व्यवस्था रहेगी। इसके लिए अस्पताल भी निर्मित होगा। तेंदुओं के आहार के लिए मीट आदि की व्यवस्था के लिए किचन भी बनेगा। इसके अलावा मृत वन्य जीवों के पोस्टमार्टम और दफनाने की व्यवस्था भी रहेगी। स्टाफ के रहने के लिए क्वार्टर भी बनेंगे।

    लेपर्ड रेस्क्यू सेंटर एक नजर में

    लागत प्रथम चरण: 4.07 करोड़

    कुल क्षेत्रफल: 10 हेक्टेयर

    16 बाड़ों का कुल क्षेत्रफल: 20475 वर्गमीटर

    इनका कहना है

    हस्तिनापुर में निर्मित होने वाले लेपर्ड रेस्क्यू सेंटर के निर्माण के लिए जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस विंग को नामित किया गया है। फंड रिलीज होते ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा।

    - राजेश कुमार, डीएफओ मेरठ