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    NCRTC News: एनसीआरटीसी का पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम, इस ट्रेन की खासियत जानकर आप भी चौंक जाएंगे

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2022 03:20 PM (IST)

    NCRTC News राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की महत्‍वकांक्षी परियोजना में शामिल है रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम। कई खासियत वाली रैपिड रेल को लेकर लोगों में उत्‍साह है। 2025 तक यह ट्रेन दिल्‍ली और मेरठ के बीच चलने लगेगी। यह प्रोजेक्‍ट 30 हजार करोड़ रुपये का है।

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    NCRTC News: रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम एनसीआरटीसी का एक बड़ा प्रोजेक्‍ट है।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। Rapid Rail News राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम यानी एनसीआरटीसी भारत का पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) विकसित कर रही है जो तेज रफ्तार वाली क्षेत्रीय यात्री परिवहन रेल प्रणाली है। इस तरह की पहली ट्रेन सराये काले खां-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कोरिडोर पर चलेगी। दिल्‍ली मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल प्रोजेक्‍ट की अनुमानित लागत 30 हजार करोड़ रुपये है। इस प्रोजेक्‍ट पर इस वक्‍त तेजी से काम हो रहा है। बता दें कि 2025 तक पूरे 82 किमी के कारिडोर पर रैपिड रेल चल जाएगी। मार्च 2025 में ही मेरठ मेट्रो भी चलने लगेगी। दुहाई से रैपिड रेल और मोदीपुरम से मेट्रो चलेगी।

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    दुहाई से होगा नियंत्रण

    मेरठ से दिल्ली तक रैपिड रेल के संचालन का नियंत्रण कक्ष दुहाई डिपो में रहेगा, जबकि मेरठ मेट्रो का नियंत्रण कक्ष मोदीपुरम डिपो में रहेगा। मोदीपुरम डिपो में रैपिड रेल भी खड़ी होगी और मेरठ मेट्रो भी। एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि रैपिड ट्रेन की स्पीड 180 किमी प्रति घंटे तक है। इसीलिए सुरक्षा के लिहाज से इसका ट्रैक भी बुलेट ट्रेन वाला ही बिछाया गया है।

    इस ट्रैक पर सीमेंटेड स्लैब स्ट्रक्चर स्थापित किया गया है। इससे ट्रेन कभी पटरी से नहीं उतरेगी। रैपिड ट्रेन की सुरक्षा व डिजाइन के लिए यूरोपियन मानदंडों का पालन किया जा रहा है। जहां तक रैपिड रेल के किराए का सवाल है, वो अभी तय नहीं किया गया है। लेकिन हां, ऐसा माना जा रहा है कि किराया थोड़ा अधिक ही होगा ताकि ट्रेन में भीड़ काबू में रहे।

    आइए जानते हैं रैपिड रेल के बारे में

    - सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक रेल है। इसके आगे का हिस्सा लंबी नाक की तरह है जिससे हवा में तेजी से रफ्तार भरी जा सकती है।

    - आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, दो वर्कशाप लाइन, तीन इंटरनल-बे लाइन (आइबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है।

    - रैपिड रेल आकर्षक और आधुनिक डिजाइन के साथ बनाई गई है। इसमें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम है जिससे बिजली पैदा होगी। रेल पूरी तरह से स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी) व स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) से संपन्न है।

    - बैठने की सीट, खड़े होने के लिए चौड़ी जगह, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटाप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम आदि हैं।

    - स्टैंडर्ड क्लास और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा।