रामेश्वरी नेहरु ने बुलंद की थी महिलाओं के मताधिकार की आवाज
फेसबुक पेज स्त्री दर्पण पर शुक्रवार को समाज सेवी और साहित्यकार रामेश्वरी नेहरू की 134 वीं पुण्य तिथि मनाई गई। ...और पढ़ें

मेरठ, जेएनएन। फेसबुक पेज स्त्री दर्पण पर शुक्रवार को समाज सेवी और साहित्यकार रामेश्वरी नेहरू की 134 वीं पुण्य तिथि मनाई गई। मेरठ से भी साहित्य प्रेमियों और बुद्धि जीवियों ने भाग लिया। रामेश्वरी नेहरू स्त्री दर्पण पत्रिका की संपादक थी। उन्होंने आजादी की लड़ाई में भी बढ़चढ़ कर भाग लिया था। फेसबुक पेज के संचालक विमल कुमार ने बताया कि स्त्री दर्पण शीर्षक उन्हीं की प्रेरणा से लिया गया है। रामेश्वरी नेहरू का जन्म 10 दिसंबर 1886 को हुआ था और निधन आठ नवंबर 1966 को हुआ था। प्रख्यात साहित्यकार मंगलेश डबराल के निधन के चलते पुण्य तिथि शुक्रवार को मनाई गई। रामेश्वरी नेहरू की कृतियों पर शोध करने वाली एनएएस कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रज्ञा पाठक ने बताया कि रामेश्वरी नेहरू ने ऐसे समय में स्त्री शक्ति के जनजागरण की पहल की जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। उस समय एक बार यह मुद्दा उठा था कि स्त्रियां अशिक्षित हैं ऐसे में उन्हें मतदान का अधिकार न दिया जाए। जिसका पत्रिका के माध्यम से रामेश्वरी देवी ने जोरदार विरोध किया था। यह पत्रिका नारी अधिकारों के लिए लड़ने के प्रमुख हथियार के रूप में देखी जाती है। इसमें तत्कालीन समय के गणेश शंकर विद्यार्थी समेत नामी गिरामी साहित्यकारों के लेख प्रकाशित होते थे। 1955 में उन्हें पद्मभूषण सम्मान प्रदान किया गया। आजादी के बाद उन्होंने शरणाíथयों के पुनर्वास के लिए गंभीर प्रयास किए। उन्हें माता जी के नाम से जाना जाता था। सुनंदा पराशर ने भी रामेश्वरी नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला।
बच्चा लापता, गुमशुदगी दर्ज
लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के प्रहलाद नगर निवासी मोनू का 12 वर्षीय बेटा अजित शुक्रवार दोपहर घर के बाहर खेल रहा था। कुछ देर बाद स्वजनों ने देखा तो नहीं था। उसकी तलाश की, तो कहीं पता नहीं चला। दोस्तों और रिश्तेदारों में भी पता किया, लेकिन मायूसी हाथ लगी। इसके बाद स्वजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि बच्चे की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे बरामद कर लिया जाएगा।

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