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मेरठ में कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके रमेश ढींगरा ने कांग्रेस को कहा अलविदा

लंबे समय से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहे और कैंट विधानसभा सीट से पांच बार चुनाव लड़ चुके (चार बार कांग्रेस व एक बार बसपा) उत्तर प्रदेश पंजाबी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश ढींगरा ने रविवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 09:58 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:58 AM (IST)
मेरठ में कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके रमेश ढींगरा ने कांग्रेस को कहा अलविदा
प्रेसवार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते रमेश ढींगरा। जागरण

जागरण संवाददाता, मेरठ। लंबे समय से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहे और कैंट विधानसभा सीट से पांच बार चुनाव लड़ चुके (चार बार कांग्रेस व एक बार बसपा) उत्तर प्रदेश पंजाबी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश ढींगरा ने रविवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। आबूलेन स्थित होटल राजमहल में पत्रकार वार्ता कर उन्होंने इसकी घोषणा की। रमेश ढींगरा का कांग्रेस से अलग होना मेरठ में पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि काफी विचार के बाद यह कदम उठाया है। हालात परिवर्तित होने की प्रतीक्षा में इस फैसले को अब तक टालता आ रहा था। पार्टी में अब घुटन का अहसास होता है, इस कारण पार्टी से अलग हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में पहले मेरे पिता और बाद में मैंने पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ कार्य किया। उस दौर में पार्टी से चुनाव भी लड़ा, जब कोई टिकट लेने के लिए तैयार नहीं होता था। सफलता नहीं मिली वह बात और है, लेकिन समाज व जनता से भरपूर सहयोग मिला। योगी-मोदी की तारीफ करते हुए वे बोले कि प्रदेश से लेकर केंद्र में वर्तमान भाजपा सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी पर है और कारोबारी सुकून से अपना व्यापार कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल वे किसी दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं, उनके इस निर्णय का पंजाबी समाज के अन्य पदाधिकारियों ने स्वागत किया है। मौके पर दर्शन लाल मक्कड़, सरदार राजबीर सिंह समेत पंजाबी समाज से जुड़े अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

पार्टी इससे ज्यादा क्या देती

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी ने कहा कि कांग्रेस ने चार बार कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया। पार्टी इससे ज्यादा क्या दे सकती थी। फिलहाल रमेश ढींगरा द्वारा पार्टी छोड़ने की जानकारी मुङो मीडिया से ही मिली है। यह लोकतंत्र है। लोगों को कहां रहना है कहां नहीं, यह उनका स्वयं का निर्णय है। कांग्रेस पार्टी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। 


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