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    'जमीन महंगी और फसल सस्ती... यह गणित समझ से बाहर', राकेश टिकैत का तंज- पूंजीवाद से चल रहा देश

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 09:57 PM (IST)

    मेरठ के गन्ना भवन में भाकियू का धरना महापंचायत के बाद समाप्त हो गया। राकेश टिकैत ने कहा कि देश पूंजीवाद से चल रहा है, जिससे जमीन महंगी और फसलें सस्ती ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। पांडव नगर स्थित गन्ना भवन में भारतीय किसान यूनियन ( भाकियू) का धरना रविवार को महापंचायत के बाद समाप्त हो गया। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि यह देश पूंजीवाद से चल रहा है। पूंजीवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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    जमीन महंगी होती जा रही है और फसलें सस्ती हो रही हैं। सरकार का यह यह गणित किसी की समझ में नहीं आता। जमीन छीनने की योजना बनाई जाती है। व्यापारी वर्ग जमीन खरीदने में लगा है। संगठन मजबूत करेंगे तो धरना मजबूत होगा। अपनी जमीन बचाकर रखनी है तो धरना देना सीखो।

    यही इसका इलाज है। दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन ने सर्दी में धरना देना सिखा दिया। कहा कि दो यात्राएं निकालनी हाेंगी - पहली यात्रा अरावली पहाड़ी को बचाने और दूसरी किसानों की समस्याओं के लिए लखनऊ की यात्रा करनी होगी। फैक्ट्री वाले चाहते हैं कि लोग गांव छोड़कर चले जाएं।

    मुजफ्फरनगर में जाने वाले ट्रकों सामान लेकर जाएंगे जरूर, लेकिन वापस नहीं लौट सकेंगे। ग्रीन यूपी क्लीन यूपी का संदेश फैक्ट्रियों के आसपास दम तोड़ देता है। सवाल उठाया कि दस साल पुराने ट्रैक्टर पर पाबंदी क्यों है।

    पहले गन्ना मूल्य पर होता था आंदोलन अब हाड़ा, भाड़ा व तौल पर

    चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि पहले आंदोलन गन्ना मूल्य वृद्धि की मांग को लेकर होते थे, लेकिन कुछ लोगों ने न्यायालय में जाकर लड़ाई ही खत्म कर दी और अब लड़ाई भुगतान को लेकर होने लगी है। चीनी मिल वाले धरने वालों को पकड़कर बैठाने लगे।

    हालत यह हो गई है कि अब आंदोलन गन्ना भुगतान, तौल की समस्याओं को लेकर होने लगे। किसी चीनी मिल के पास यदि 50 कुंतल अधिक आ गया, तो वह कहता है कि यह लखनऊ में ठीक होगा, हमारे स्तर का मामला नहीं है। किसानों की हर समस्या के लिए लखनऊ का नाम लेकर टाला जाने लगा। यह ठीक नहीं है। हमें आंदोलन करना सीखना होगा।

    ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर गन्ना भवन के रास्ते बंद, महापंचायत में चली रागिनी

    रविवार सुबह लगभग 11 बजे शुरू हुई महापंचायत में हरियाणा से रागिनी गायक सुनील ने कई रागिनी सुनाई। सपेरों ने बीन बजाई। उन्होंने उप गन्ना आयुक्त राजीव राय को लेकर भी रागिनी कही। महापंचायत के चलते गन्ना भवन के सभी मार्ग किसानों ने पहले ही ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर बंद कर दिए।

    आसपास के कई जिलों से पहुंचे भाकियू के जिलाध्यक्षों ने भी महापंचायत को संबोधित किया। एडीएम सिटी ब्रजेश कुमार सिंह, एडीएम सत्यप्रकाश, सीओ सिविल लाइन व अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

    पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने की वार्ता

    महापंचायत में किसानों की तरफ से पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना अधिकारियों से वार्ता की। उप गन्ना आयुक्त राजीव राय, जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल के साथ चली वार्ता के बाद निर्णय सुनाया गया और धरना स्थगित करने की घोषणा की।

    धरने की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार चिंदौड़ी, रामफल शर्मा व इंद्रपाल मलिक ने की। महापंचायत का नेतृत्व जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने किया। संचालन हर्ष चाहल ने किया। सत्यवीर, देशपाल, मोनू, बबलू तालियान, दिनेश खेड़ा, ज्ञानेश्वर त्यागी, सनी प्रधान, सुनील, पुष्पेंद्र, विनेश छुर व अन्य मौजूद रहे।

    इन बिंदुओं पर बनी बात

    • लखनऊ में प्रमुख सचिव गन्ना से मिलेंगे भाकियू के दस किसानों का प्रतिनिधिमंडल।
    • रियल टाइम खतौनी किसानों के प्रार्थना पत्र के आधार पर सही की जाएगी।
    • गन्ना क्रय केंद्रों पर हाड़ा (निर्धारित तौल मानक) पूर्ववत रहेगा।
    • गन्ने की अस्वीकृति प्रजाति और भाड़ा घटाने के संबंध में डीएम, मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे।
    • किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव से मिलने का भरोसा।
    • मुख्यमंत्री से समय नहीं मिला तो लखनऊ के लिए जनवरी में पदयात्रा होगी।