कारी शफीकुर्रहमान बोले- महाकुंभ पर सड़कें बंद रहीं, ईद पर 10 मिनट नमाज न पढ़ने देना नाइंसाफी
मेरठ की शाही जामा मस्जिद में अलविदा जुमे की नमाज शांति से अदा की गई। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात रहे। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की अपील पर कुछ नमाजी काली पट्टी बांधकर पहुंचे जिस पर पुलिस से कहासुनी हुई। शहरकाजी डॉ. जैनूस सालिकीन ने बताया कि ईद की नमाज सुबह 745 बजे शाही ईदगाह में होगी।

जागरण संवाददाता, मेरठ। शाही जामा मस्जिद में अलविदा जुमे की नमाज शांति और सौहार्द के वातावरण में पढ़ी गई। मस्जिद के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल और आरएएफ के जवान तैनात रहे। नमाज के दौरान मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के आवाहन पर कई नमाजी काली पट्टी बांध कर पहुंचे।
पुलिस ने लोगों से काली पट्टी उतारने को कहा जिसको लेकर कहासुनी भी हुई। शाही जामा मस्जिद में तकरीर करते हुए कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर करते हुए कहा रमजान के दौरान इस्लाम के मानने वाले लाेगों ने रोजे रखे। इबादत की और बुराईयों से दूर रहे। रमजान के बाद इसे आगे जारी रखें।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ में कई जगह आवागमन बाधित रहा कई मार्ग बंद रहे। वहीं ईद पर हमें कुछ मिनटों के लिए सड़क पर नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है। मुकदमा और पासपाेर्ट जब्त करने की चेतावनी दी जा रही है।
1947 से हम ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ते आ रहे हैं। कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि इसी तरह वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने अलविदा जुमे की नमाज में काली पट्टी बांधने की अपील की थी। यह शांति पूर्ण प्रदर्शन है। इस पर भी पुलिस लोगों पर मुकदमे का दबाव बना परेशान कर रही है। यह न इंसाफी है।

किस समय होगी ईद की नमाज?
शहरकाजी डा. जैनूस सालिकीन ने कहा कि ईद की नमाज पौने आठ बजे शाही ईदगाह में होगी। कहा इस्लाम में इबादत के साथ अखलाक (अच्छे आचरण) पर जोर दिया जाता है। यही कारण है कि हमारे नबी मोहम्मद साहब को दुनिया की सबसे बड़ी 100 शख्सियतों में नंबर एक पर रखा जाता है।

यह जीवन में उनके ईमान, त्याग, सब्र आदि गुणों के कारण होती है। उन्होंने कहा कहा पिछले दिनों मेरठ की आवाम के सामने पेचीदा हालात आए। जिसे मिलजुल कर सुलझाया गया। (ईशारा शहर काजी पद को लेकर था) इसी तरह आगे भी हमें हर समस्या का हल निकालना होगा।
उन्होंने उच्च स्तरीय तालीम हासिल करने पर जोर देना चाहिए कहा इससे ही हमारी कौम और देश की उन्नति हो सकती है। दुनिया के जिन लोगों ने फितरा अदा नहीं किया है वह जल्द जल्द से जल्द अदा कर दें ताकि उन लोगों को भी ईद की खुशियां मनाने का मौका मिल सके जो गरीब हैं।
नमाज शाहपीर गेट स्थित मदरसा जामिया अरबिया नूर उल इस्लाम के मोहमिम मुफ्ती मोहम्मद सैय्यद अहमद ने अदा कराई। अपनी तकरीर में ने कहा कि युवा पीढ़ी दीन को छोड़ रही हैं। हमें घर का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चे बुराईयों से बचें। ऐसे शैक्षिक संस्थान खोलने चाहिए जो आधुनिक शिक्षा के साथ दीन की तालीम भी दें। नमाज के दौरान आरएफ और पुलिस के जवान मस्जिद के बाहर कतार के रूप में खड़े रहे।

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