रैपिड रेल कोरिडोर: मेरठ छावनी में रैपिड रेल के लिए जमीन खरीद की सुनवाई करेंगे प्रधान निदेशक
रैपिड रेल कारिडोर में छावनी परिषद क्षेत्र की जमीन खरीदने की चल रही है प्रक्रिया। छावनी क्षेत्र के गड्ढा मार्केट समेत कई बाजार के लोगों से जमीन की कीमत आदि का प्रकरण अभी हल नहीं हो पाया है। टैक्सी स्टैंड के पास कब्रिस्तान व श्मशान का भी मामला है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। रक्षा संपदा के मध्य कमान, लखनऊ के प्रधान निदेशक जीएस राजेश्वर सोमवार को छावनी परिषद पहुंचेंगे। वह यहां पर छावनी क्षेत्र में रैपिड रेल कारिडोर से संबंधित जमीन खरीद मामले की सुनवाई करेंगे। छावनी क्षेत्र के गड्ढा मार्केट समेत कई बाजार के लोगों से जमीन की कीमत आदि का प्रकरण अभी हल नहीं हो पाया है। टैक्सी स्टैंड के पास कब्रिस्तान व श्मशान का भी मामला है। चूंकि छावनी क्षेत्र में जमीन संबंधित मामलों पर रक्षा संपदा विभाग सुनवाई करता है। इसलिए तमाम अपीलों को देखते हुए प्रधान निदेशक सुनवाई को पहुंच रहे हैं।
रैपिड के एक स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन रखने की मांग
मेरठ: वैश्य समाज सेवा समिति की ओर से रविवार को रेलवे रोड अग्रसेन भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।जिसकी शुरुआत संस्था के संरक्षक विनीत शारदा और डा. सुबोध गर्ग, प्रदेश अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर की। विनीत शारदा ने समिति के कार्यों की सराहना की और डा. सुबोध ने रैपिड ट्रेन के एक स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम से रखने की मांग की। शिविर में मरुचि सिंघल, सार्थक जिंदल, सीमा गुप्ता ,नमन रस्तोगी, कुलदीप अग्रवाल, राहुल गुप्ता, शिप्रा बंसल और रजत अग्रवाल ने रक्तदान किया। मेरठ ब्लड बैंक हापुड़ चुंगी की टीम द्वारा प्रदेश अध्यक्ष दीपक गुप्ता को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
कांवड़ यात्रा तक बंद रहेगा रैपिड रेल के मशीनों-वाहनों का आवागमन
मेरठ : कांवड़ यात्रा चलती रहेगी और रैपिड रेल का काम भी चलता रहेगा लेकिन इस यात्रा की वजह से थोड़ा- बहुत असर इसके कामकाज पर जरूर पड़ेगा। यात्रा के शुरू होने से समापन तक इससे संबंधित डंपरों, बड़ी मशीनों, क्रेन आदि का आवागमन रुक जाएगा। बहरहाल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने ऐसा प्रबंधन किया है कि काम पर अधिक असर न पड़े। इसलिए जो मशीनें आवश्यक हैं उन्हें पहले ही बेरिकेडिंग के अंदर पहुंचाया जा रहा है। जरूरी निर्माण सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। भैंसाली समेत वैसे स्थान जहां पर कांवड़ यात्रा चलते रहने से भी बड़े स्तर पर काम चल सकता है,उन स्थानों पर श्रमिकों, कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसका फायदा यह होगा कि जिन स्थानों पर काम प्रभावित होगा, उसकी भरपाई दूसरे स्थान पर तेज काम करके पूरा कर लिया जाएगा।

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