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    यूपी के इस जिले में अधिग्रहण की तैयारी, 10 गांवों से ली जाएगी जमीन; विकसित होगी आवासीय कॉलोनी

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 09:02 PM (IST)

    बिजली बंबा बाइपास और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के बीच प्रस्तावित आवासीय योजना के लिए स्थल चयन समिति ने स्वीकृति दे दी है। योजना के तहत 10 गांवों की 596 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। टीम ने अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ला के नेतृत्व में निरीक्षण किया। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के लिए धारा 28 का नोटीफिकेशन जारी किया जाएगा।

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    लखनऊ से आई स्थल चयन समिति ने प्रस्तावित आवासीय कॉलोनी के लिए क्षेत्र का निरीक्षण किया। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। बिजली बंबा बाइपास और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के बीच प्रस्तावित आवासीय योजना पर स्थल चयन समिति ने मोहर लगा दी है। मुख्यालय लखनऊ से आई उच्च स्तरीय समिति ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। 15 सदस्यीय समिति में स्थानीय अधिकारी भी मौजूद रहे। इस योजना में 10 गांवों की 596 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

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    आवास विकास परिषद के अपर आवास आयुक्त और सचिव नीरज शुक्ला के नेतृत्व में टीम ने गांवों का सर्वे किया। यह योजना बिजली बंबा बाइपास, रेलवे लाइन, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे और हापुड़ रोड के बीच बसाई जाएगी।

    परिषद के मुख्य अभियंता, नगर नियोजक, उप आवास आयुक्त, जल निगम के अधीक्षण अभिंयता, उद्योग विभाग, मेरठ के परिषद के अधीक्षण अभियंता और तीनों अधिशासी अभियंता शामिल रहे। इस योजना का प्रस्ताव मुख्यालय को अप्रैल में ही भेजा जा चुका है। स्थल चयन समिति के दौरे के चलते अग्रिम कार्रवाई रुकी हुई थी।

    क्या बोले अधीक्षण अभियंता? 

    अधीक्षण अभियंता राजीव सिंह ने बताया समिति ने स्थल को आवासीय कालोनी के उपयुक्त पाया है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए धारा 28 का नोटीफिकेशन किया जाएगा। बताया कि समिति ने रेलवे लाइन के दूसरी ओर भी भूमि पर आवासीय योजना की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं।

    दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को मजबूती देगी कंक्रीट की दीवार

    वहीं दूसरी ओर, दो साल की देरी से ही सही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अपनी कमी को सुधारने व सुरक्षित दीवार बनाने की शुरुआत कर दी है। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे के परतापुर इंटरचेंज के रैंप में दरार आने पर अब कंक्रीट और स्टील की दीवार बनाई जा रही है। यहां पर दिन-रात आवागमन रहता है। स्थानीय लोग और पुलिसकर्मी भी उस स्थान पर खड़े होते हैं ऐसे में रैंप के ऊपर व नीचे दुर्घटना की आशंका बनी हुई थी।

    एक्सप्रेसवे का परतापुर में इंटरचेंज है। इसके देहरादून बाईपास से एक्सप्रेस वे की तरफ जाने वाले रैंप की दीवार में दरार आ गई थी। रैंप को मिट्टी भरकर तैयार किया जाता है, उसके दोनों तरफ सीमेंट की प्लेट से दीवार बनाई जाती है। दो साल पहले ही इसकी दीवार की प्लेट खिसकने लगी थी और कई जगह प्लेट टूट गई थी। कुछ स्थानाें पर वाहनों के दबाव से प्लेट बाहर निकल आई थी।

    दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे के परतापुर इंटरचेंज के रैंप में दरार आने पर बनाई जा रही कंक्रीट की दीवार। जागरण

    दैनिक जागरण ने भविष्य में दुर्घटना की आशंका जताते हुए समाचारीय अभियान चलाया था। हाईवे के विशेषज्ञों ने बताया था कि इस रैंप को बनाने में मिट्टी के भराव के समय दबाव ठीक ने डाला गया इसलिए मिट्टी अपनी जगह बदल रही है और वाहनों के दबाव से नीचे दब रही है, उसी के कारण प्लेटें टूट रही हैं। यदि लंबे समय तक ऐसा ही रहा तो दीवार ढह जाएगी जिसके बाद पूरा रैंप ही टूट जाएगा।

    तब उस समय एनएचएआइ की ओर से राड लगाकर प्लेट काे संभालने का प्रयास किया गया लेकिन अब वह भी मजबूती नहीं दे सका। सुरक्षा की दृष्टि से उसे बेहतर नहीं माना गया इसलिए अब वहां पर दीवार बनाई जा रही है। कंक्रीट और स्टील से दीवार बनाकर मिट्टी भर दी जाएगी, जिससे अब रैंप के कभी भी ढहने की आशंका हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक धीरज कुमार ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से दीवार का निर्माण किया जा रहा है।