Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganga Expressway: छह घंटे में मेरठ से प्रयागराज, गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के ये जिले

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 06:17 PM (IST)

    गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बनकर पूर्व और पश्चिम को जोड़ेगा। यह न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि व्यापार सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्तों को ...और पढ़ें

    Hero Image
    गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे मिर्जापुर समेत पूर्वांचल के कई जिले - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा है। यह मात्र एक एक्सप्रेस-वे नहीं है बल्कि पूरब से पश्चिम को बांधे रखने का सेतु है। यह धार्मिक, सांस्कृतिक जुड़ाव, व्यापार व रिश्तेदारी के लिए भी पहल बनेगा। कनेक्टिविटी न होने से ही दूरी बढ़ती है जबकि कनेक्टिविटी होने से व्यापार बढ़ता है। रिश्तों की डोर बढ़ती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूरब के जो लोग पश्चिम में रहते हैं उनके लिए आना-जाना आसान हो जाएगा और जिस समाज को लगभग छोड़ चुके हैं उससे नजदीक हो जाएंगे। पश्चिम के जो लोग पूर्वी उप्र में जाने से कतराते हैं वे अब आना-जाना शुरू कर देंगे। प्रदेश सरकार गंगा एक्सप्रेस वे के साथ ही बाकी एक्सप्रेस वे को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।

    मेरठ से प्रयागराज तक छह घंटे में

    ऐसे में यदि इस एक्सप्रेस-वे से यात्रा शुरू करते हैं तो कनेक्टिंग हाईवे या एक्सप्रेस-वे से अपनी पसंद की दूसरी जगह पर जा सकेंगे। मेरठ से प्रयागराज तक छह घंटे में अगर अपने वाहन से पहुंच रहे हैं तो 594 किमी की दूरी मायने नहीं रखती।

    बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो प्रयागराज या उसके आसपास के जिलों में जाना चाहते हैं लेकिन दूरी अधिक होने व समय अधिक लगने के कारण योजना बदल देते हैं। संगम एक्सप्रेस व नौचंदी एक्सप्रेस की सुविधा है लेकिन समय अधिक लगने के कारण इससे यात्रा करना भी बोझिल लगता है।

    शास्त्रीनगर के लोकेश ठाकुर कहते हैं कि ट्रेन सिर्फ स्टेशन से स्टेशन तक पहुंचाती है जबकि अपने वाहन का मतलब है कि जिस भी व्यक्तिगत स्थान को चुनते हैं वहां तक पहुंचना। अपने वाहन से कई लोगों को एक साथ ले जा सकते हैं। ट्रेन में निश्चित समय होता है जबकि अपने वाहन में देरी भी की जा सकती है। एक्सप्रेस-वे बन जाने से किसी रिश्तेदार, मित्र आदि के यहां पहुंचना आसान हो जाएगा।

    दरअसल, इस तरह की सड़कें कई हाईवे को जोड़ती हैं इसलिए किसी भी समय अन्य कहीं के लिए भी जाने की योजना बनाई जा सकेगी। मेरठ से शुरू हो रहा एक्सप्रेस-वे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली व प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज पहुंच रहा है। इस तरह से यह पश्चिम उप्र से पूर्वी उप्र के विभिन्न जिलों की तरफ पहुंचाएगा।

    गंगा एक्सप्रेस-वे से इस तरह से पूर्वांचल के जिलों से जुड़ेंगे

    • इटावा से हरदोई तक लिंक एक्सप्रेस-वे : अभी पूर्वी उप्र को एक्सप्रेस-वे जैसी सड़क से जोड़ने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे ही हैं। यहीं से होकर अधिकांश वाहन गुजरते हैं। अब जब गंगा एक्सप्रेस-वे खुल जाएगा तब उसी के साथ-साथ कई विकल्प भी सामने आएंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनेगा। इसे फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है। यह इटावा से शुरू होगा और फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर होते हुए हरदोई तक जाएगा। इसकी दूसरी 92 किमी रहेगी।
    • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे : फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेस-वे एक तरह से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का विस्तार है। इस तरह से गंगा एक्सप्रेस-वे से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भी जुड़ जाएगा।
    • पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लाभ : गंगा एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से शुरू होता है। यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर तक जाता है।
    • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे : इस एक्सप्रेस-वे से संत कबीर नगर तक जा सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होता है। आजमगढ़, अंबेडकरनगर व संत कबीर नगर तक ले जाएगा।
    • आसानी से पहुंचेंगे काशी, मिर्जापुर : प्रयागराज में जहां तक गंगा एक्सप्रेसवे जा रहा है वहीं से वाराणसी हाईवे को जोड़ा जाएगा। इससे वाराणसी व मिर्जापुर जाना आसान हो जाएगा।
    • गंगा एक्सप्रेस-वे बनारस, गाजीपुर, बलिया पहुंचाएगा : गंगा एक्सप्रेस-वे अभी मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा है। इसका दूसरा चरण प्रयागराज से शुरू होकर वाराणसी, गाजीपुर व बलिया तक जाएगा। इसके लिए सर्वे हो चुका है।