PM Kisan Samman Nidhi: किसानों की रुक जाएगी सम्मान निधि, अभी भी समय है... लाभ पाने के लिए आज ही करें ये काम
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए 31 दिसंबर तक फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है। पंजीकरण agristack.gov.in फार्मर रजिस्ट्री यूपी ऐप या सीएससी केंद्र पर किया जा सकता है। दस्तावेजों में आधार कार्ड आधार सीडेड मोबाइल नंबर (परिवार का भी मान्य) और खतौनी आवश्यक हैं। तहसीलदार शैलेंद्र सिंह ने किसानों से कृषि पंचायत और राजस्व विभाग के सहयोग से समय पर पंजीकरण कराने की अपील की है।
संवाद सूत्र, खरखौदा। किसानों को अब बिना फार्मर रजिस्ट्री के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। शासन ने इसके लिए फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य कर दिया है। सीएससी पर पहुंचकर किसान अपना फार्मर रजिस्ट्री बनवा सकते हैं। इसके अलावा कृषि, राजस्व व पंचायत विभाग इसके लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। तहसीलदार सदर शैलेंद्र सिंह ने क्षेत्र में पहुंचकर किसानों से अपील की है।
यहां होगा पंजीकरण
फार्मर रजिस्ट्री विभागीय पोर्टल एजीआरआईएसटीएसीकेडाटजीओवीडाटआईएन agristack.gov.in या मोबाइल एप फार्मर रजिस्ट्री यूपी के माध्यम से कैम्प मोड में पंजीकरण किया जा सकेगा। किसी भी जन सेवा केंद्र पर इसे आसानी से कराया जा सकता है।
खरखौदा में जनसेवा केन्द्र पर किसानों को जागरूक करते तहसीलदार शेलेन्द्र सिंह.सौ विभाग
पंजीकरण में लगेंगे ये दस्तावेज
फार्मर रजिस्ट्री कराने में अधिक दस्तावेज की जरूरत नहीं है। इसके लिए केवल किसान को आधार कार्ड, आधार सीडेड मोबाइल नंबर और खतौनी लगाना होगा। आधार सीडेड मोबाइल नंबर नहीं होने पर परिवार के किसी का भी मोबाइल नंबर लगाया जा सकता है।
सभी किसानों को फार्मर रजिस्ट्री 31 दिसंबर तक करा लेना है। जो नहीं करा पाएंगे, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि नहीं मिलेगी।
सभी किसान अपने गांव के कृषि विभाग के कार्मिक, रोजगार सेवक, पंचायत मित्र एवं लेखपाल से सहयोग लेकर अपना फार्मर रजिस्ट्री तैयार करा लें। -शेलेन्द्र सिंह तहसीलदार मेरठ
सर्दी और बरसात में भी धरने पर जमे हैं किसान
वहीं दूसरी ओर, सरकार ने प्रदेश के सभी छह औद्योगिक एक्सप्रेसवे के निकट औद्योगिक गलियारे विकसित करने की योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है... मगर मेरठ में किसान औद्योगिक गलियारे के दूसरे चरण के लिए भूमि देने से इंकार कर रहे हैं। इसके लिए वे 54 दिन से धरने पर बैठे हैं। धरने को 22 गांवों के किसानों का समर्थन मिलने का दावा भी किया जा रहा है। भीषण सर्दी और दो दिन से हो रही बरसात के बीच भी किसान धरने पर डटे हैं।
उनका कहना है कि जिला प्रशासन का कोई अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि उनका हाल तक लेने नहीं पहुंचा है। अब आंदोलन को लेकर अहम फैसला लिया जाएगा। मेरठ में औद्योगिक गलियारा के प्रथम चरण के लिए 200 हेक्टेयर भूमि की खरीद की जा रही है। साथ ही दूसरे चरण के लिए 300 हेक्टेयर भूमि की खरीद की प्रक्रिया की अनुमति शासन और यूपीडा द्वारा जिला प्रशासन को दी जा चुकी है।
किसानों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन इस प्रक्रिया को शुरू करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। गांव खड़खड़ी, गोविंदपुर, छतरी व खरखौदा माजरा की भूमि को इसके लिए चिह्नित किया गया है। लगभग 800 किसान परिवार की भूमि की खरीद की जानी है। राजस्व विभाग की टीम को भी किसान पैमाइश नहीं करने दे रहे हैं।
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