पितृपक्ष में पृथ्वी पर आकर आशीर्वाद देते हैं पितर..बुरे कार्य करने से बचें
पितृपक्ष में पितरों के लिए भोग निकालकर ब्राह्माणों को भोजन करवाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में गृह प्रवेश कानछेदन मुंडन शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

मेरठ, जेएनएन। पितृपक्ष में पितरों के लिए भोग निकालकर ब्राह्माणों को भोजन करवाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में गृह प्रवेश, कानछेदन, मुंडन, शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इसके आलावा पितृपक्ष में किसी भी तरह के बुरे कार्य करने से बचना चाहिए। जहां तक संभव हो गरीब और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। माना जाता है कि इस समय पितर पृथ्वी पर आते हैं, और वह किसी भी रूप में समाने आ सकते हैं।
बाजारों में क्राकरी और गिफ्ट आइटम की बिक्री बढ़ी
तिथि अनुसार श्राद्ध कर्म और ब्राह्माणों को भोज करवाने से पितर प्रसन्न होते हैं। वे परिवार की खुशी और उन्नति से प्रसन्न होकर उन्हें सुख समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए पितृपक्ष में खरीदारी करने में कोई बुराई नहीं है। शहर के सभी बाजारों में त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए क्राकरी और गिफ्ट आइटम की नई किस्में उपलब्ध हैं। त्योहारों में घर आए मेहमानों को उपहार देने का चलन है, और उनके स्वागत सत्कार के लिए नई क्राकरी की भी मांग है। ऐसे में बाजारों में क्राकरी और गिफ्ट आइटम की बिक्री बढ़ गई है।
गिफ्ट का बाजार हमेशा रहता है। जन्मदिन, शादी की सालगिरह के अलावा लोग त्योहारों में भी अपनों को उपहार देना पसंद करते हैं। त्योहारी सीजन में भगवान की मूर्तियों के अलावा कैंडल और अन्य उपहारों की मांग सबसे ज्यादा बढ़ जाती है।
-अंकुश आनंद, सौगात गिफ्ट सेंटर, बोम्बे बाजार
लोगों ने बर्तन और क्राकरी की खरीदारी शुरू कर दी है। फिर चाहे वह उपहार में देने के लिए हो या फिर रसोई की जरूरत पूरी करने के लिए। हालांकि क्राकरी और बर्तनों की मांग दशहरा पर्व के बाद काफी बढ़ जाती है।
-भरत शर्मा, कृष्णा बर्तन भंडार, गंगानगर
अपनों को उपहार देने की वैरायटी और सामग्री में काफी परिवर्तन आया है। इसमें सजावटी वस्तुओं के अलावा अब जरूरत का काफी सामान शामिल हो गया है। अपनों को खुश करने के लिए लोग कुछ चीजें तैयार भी करवाते हैं।
-नवकार जैन, पारस मैजिक गिफ्ट सेंटर, सदर बाजार

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।