पिनटेल पक्षी को भा गई हैदरपुर वेटलैंड की धरती, जानें क्या हैं कारण
हैदरपुर वेटलैंड में देश-विदेश से आने वाले पक्षियों की भरमार रहती है। पिनटेल पक्षी रूस साइबेरिया और पूर्वी यूरोप आदि से आते हैं। यह पक्षी बहुत सुंदर होता है। इसकी पूंछ पिन जैसी नुकीली होती है। इस वजह से इसे पिनटेल कहा जाता है।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। विदेशों से आने वाले पिनटेल पक्षी को गंगा किनारे हैदरपुर वेटलैंड की धरती भा गई है। वेटलैंड में इस बार इस प्रजाति की संख्या पांच गुना तक बढ़ गई है। फरवरी में भी अच्छी सर्दी होने से इस बार इस प्रजाति के देर तक रहने के कयास लगाए जा रहे हैं। पर्यावरण प्रेमी वेटलैंड में पक्षियों की संख्या बढऩे से गदगद हैं।
देश-विदेश में मिलने वाले पक्षियों का बढ़ रहा कुनबा
हैदरपुर वेटलैंड में देश-विदेश से आने वाले पक्षियों की भरमार रहती है। यहां पर हर साल देश-विदेश में मिलने वाले पक्षियों की प्रजाति और कुनबा लगातार बढ़ रहा है। इस बार वेटलैंड में पिनटेल पक्षी का कुनबा बढ़ा मिला है। हाल ही में वेटलैंड में हुई बर्ड वाचिंंग में 129 प्रजाति के 2390 पक्षी मिले थे। इसमें 1200 पिनटेल पक्षी मिले हैं। यह पक्षी नवंबर में वेटलैंड में आते हैं और सर्दी का असर बने रहने तक यहीं रहते हैं। पिनटेल पक्षी पानी में रहने वाले कीट आदि को खाता है। बर्ड वाचर आशीष लोया के अनुसार वेटलैंड में पिन टेल की संख्या पहले से कहीं ज्यादा मिली है।
नुकीली पूंछ की वजह से नाम पड़ा पिनटेल
पिनटेल पक्षी रूस, साइबेरिया और पूर्वी यूरोप आदि से आते हैं। यह पक्षी बहुत सुंदर होता है। इसकी पूंछ पिन जैसी नुकीली होती है। इस वजह से इसे पिनटेल कहा जाता है। पिनटेल पक्षी अपने बच्चों के साथ हैदरपुर वेटलैंड में आता है और यहां से जाकर प्रजनन करता है।
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