17 खिलाड़ियों के 19 पदक बनेंगे करोड़ों की प्रेरणा
टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 पुरुष व 14 महिला सहित कुल 54 पैरा एथलीट्स में से 17 खिलाड़ियों ने 19 पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इनमें पांच स्वर्ण पदक आठ रजत पदक और छह कांस्य पदक देश के नाम हुए। पैरालिंपिक में भारतीय टीम ने नौ खेलों में हिस्सा लिया था।

मेरठ, जेएनएन। टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 पुरुष व 14 महिला सहित कुल 54 पैरा एथलीट्स में से 17 खिलाड़ियों ने 19 पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इनमें पांच स्वर्ण पदक, आठ रजत पदक और छह कांस्य पदक देश के नाम हुए। पैरालिंपिक में भारतीय टीम ने नौ खेलों में हिस्सा लिया था। इन खेलों में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, कैनोइंग, पावर लिफ्टिंग, तैराकी, निशानेबाजी, टेबल टेनिस और ताइक्वांडो शामिल रहे। निशानेबाजी में दो खिलाड़ियों ने दो-दो पदक जीते हैं। इनमें शूटर अवनी लखेरा ने एक स्वर्ण व एक कांस्य और शूटर सिंहराज अधाना ने एक रजत व एक कांस्य पदक जीता। टोक्यो पैरालिंपिक में पदक विजेता खिलाड़ी
अवनी लखेरा : टोक्यो पैरालिंपिक में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक अवनी लखेरा ने जीता था। उन्होंने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में यह सफलता हासिल की थी। इसके साथ ही अवनी पैरालिंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनीं। 19 साल की अवनी ने फाइनल में 249.6 अंक हासिल कर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। इसके बाद अवनी ने महिलाओं की 50 मीटर एयर राइफल थ्री पोजीशन एसएच1 स्पर्धा में भी कास्य पदक जीता। अवनी फाइनल में 445.9 का स्कोर लेकर तीसरे स्थान पर रहीं। सुमित अंतिल : भाला फेंक स्पर्धा में जैवलिन थ्रोवर सुमित अंतिल ने एफ64 वर्ग में हिस्सा लेकर देश को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। सुमित ने रिकार्ड 68.55 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। मनीष नरवाल : निशानेबाज मनीष नरवाल ने पी4 मिक्स्ड 50 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया और फाइनल मुकाबले में 218.2 का स्कोर कर स्वर्ण पदक पर निशाना साध लिया। मनीष के साथी और भारतीय तीरंदाज सिंहराज ने इसी स्पर्धा में रजत पदक जीता था। फरीदाबाद के मनीष ने क्वालिफिकेशन राउंड में सातवा स्थान हासिल कर फाइनल में जगह बनाई थी। प्रमोद भगत : प्रमोद ने बैडमिंटन में हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। विश्व के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के विश्व नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराकर यह खिताब जीता। प्रमोद भगत ने ्रग्रुप-ए में अपने दोनों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में प्रमोद ने जापान के खिलाड़ी को हराया था। कृष्णा नागर : बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। कृष्णा ने पुरुष एकल एसएच6 फाइनल मुकाबले में हागकाग के चू-मान काई को 21-17, 16-21 और 21-17 के प्वाइंट सेट से हराया। भाविना पटेल : टोक्यो पैरालिंपिक में देश को पहला पदक भाविनाबेन पटेल ने ही दिलाया था। टेबल टेनिस के क्लास-4 वर्ग में भाविना रजत पदक जीतने में सफल रहीं। 34 वर्षीय भाविना फाइनल में चीन की विश्व नंबर-एक झाउ यिंग से हारी थीं। निषाद कुमार : निषाद कुमार ने पुरुषों के टी47 ऊंची कूद के मुकाबले में रजत पदक जीता। निषाद ने पहली कोशिश में 2.02 मीटर और दूसरे प्रयास में 2.06 मीटर की छलाग लगाई। स्वर्ण पदक अमेरिका के रोड्रिक टाउनसेंड ने 2.15 मीटर छलाग लगाकर विश्व रिकार्ड के साथ जीता। योगेश कथुरिया : योगेश कथुरिया ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो 56 में देश के लिए रजत पदक जीता। उन्होंने अपने छठे और आखिरी प्रयास में 44.38 मीटर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर कर यह पदक हासिल किया। देवेंद्र झाझड़िया : दो बार के पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझड़िया ने टोक्यो में भी अपना प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रखा। देवेंद्र ने भाला फेंक में एफ 46 वर्ग में हिस्सा लेकर 64.35 का बेहतरीन थ्रो कर रजत पदक हासिल किया। मरियप्पन थंगावेली : मरियप्पन ने पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में रजत पदक जीता। मरियप्पन ने 1.86 मीटर की जंप लगा कर यह कामयाबी हासिल की। 26 साल के मरियप्पन का पैरालंपिक खेलों में यह लगातार दूसरा पदक है। मरियप्पन ने रियो ओलंपिक में भी ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता था। प्रवीण कुमार : ऊंची कूद में प्रवीण कुमार ने टी64 वर्ग में 2.07 मीटर की छलाग लगाकर रजत पदक हासिल किया। इस प्रदर्शन के दौरान प्रवीण ने नया एशियाई रिकार्ड भी बनाया। सिंहराज अधाना : निशानेबाज सिंहराज ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कास्य पदक जीता। हरियाणा निवासी सिंहराज ने फाइनल में 216 .8 का स्कोर किया। 39 वर्षीय सिंहराज ने उसके बाद पी4 मिक्स्ड 50 एयर पिस्टल एसएच1 फाइनल में भी रजत पदक जीता। इस स्पर्धा में उन्होंने 216.7 का शानदार स्कोर किया। इसमें भारत के ही मनीष अग्रवाल ने 218.2 का स्कोर कर स्वर्ण पदक हासिल किया। सुहास यथिराज : बैडमिंटन खिलाड़ी और गौतमबुद्धानगर के जिलाधिकारी सुहास एल. यथिराज ने रजत पदक जीता। एसएल4 वर्ग के फाइनल में सुहास को फ्रांस के विश्व नंबर-एक लुकास मजूर ने 15-21 21-17, 21-15 के प्वाइंट सेट से हराया था। 38 वर्षीय सुहास ने सेमीफाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 21-9 व 21-14 प्वाइंट से हराया था। सुंदर सिंह गुर्जर : भाला फेंक प्रतियोगिता में ही जैवलिन थ्रोवर सुंदर सिंह गुर्जर ने एफ46 वर्ग में हिस्सा लेकर कास्य पदक जीता। सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर जैवलिन फेंका जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। सुंदर जैवलिन के अलावा डिस्कस थ्रो और शाटपुट में भी पारंगत हैं। 2017 में दुबई में आयोजित इंटरनेशनल एथलेटिक्स ग्रांप्री में सुंदर ने इन तीनों ही खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। शरद कुमार : शरद ने ऊंची कूद टी63 प्रतियोगिता में कास्य पदक जीता। शरद ने 1.83 मीटर छलाग लगाकर यह उपलब्धि अर्जित की। भारतीय एथलीट वरुण सिंह भाटी इस स्पर्धा में सातवें स्थान पर रहे। भाटी ने रियो ओलिंपिक में देश के लिए कास्य पदक जीता था। हरविंदर सिंह : तीरंदाज हरविंदर सिंह ने कास्य पदक पर निशाना साधा। तीसरे स्थान पर हरविंदर ने दक्षिण कोरिया के सू-मीन को 6-5 के स्कोर से शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही हरविंदर पैरालिंपिक में तीरंदाजी स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। मनोज सरकार : मनोज ने भी बैडमिंटन के एसएल3 वर्ग में हिस्सा लेकर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कास्य पदक जीता। उत्तराखंड के मनोज ने कास्य पदक मुकाबले में जापान के डाईसुके फुजिहारा को 22-20 व 21-13 से हराया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।