अब दुनिया पढ़ेगी अनाम स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास, शासन ने यूपी के जिलों से मांगी लेखन सामग्री
आजादी का अमृत महोत्सव लिखा जाएगा अनाम स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास। शासन ने बागपत समेत जिलों से मांग लेखन सामग्री। अब प्रदेश सरकार बागपत समेत तमाम जिलों के अनाम स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान दुनिया के सामने लाएगी ।

बागपत, जेएनएन। उन वीर सपूतों की कमी नहीं है, जिन्होंने भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने को प्राण तक न्यौछावर किए सिस्टम की अनदेखी के चलते लेकिन गुमनामी में खो गए। अब प्रदेश सरकार बागपत समेत तमाम जिलों के अनाम स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान दुनिया के सामने लाएगी।
शासन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बागपत समेत सभी डीएम को अवगत कराया कि स्वतंत्रता आंदोलन एवं राष्ट्रवादी साहित्य विशेषकर उत्तर प्रदेश के अनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर केंद्रित पुस्तकों का प्रकाश किया जाएगा। इसके लिए जिले का विषयगत इतिहास जुटाने को
इतिहास संकलन समिति गठित करने का आदेश दिया है।
इतिहास संकलन समिति के सदस्य अनाम स्वतंत्रता सेनाियों पर आधारित इतिहास लेख का कार्य कराकर
मुद्रित कराने को मुद्रण सामग्री उपलब्ध कराने का आदेश दिया। डीएम राज कमल यादव ने सीडीओ को नोडल नामित कर जिला सूचना अधिकारी को जिम्मा सौंपा है।
दरअसल देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत अनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर केंद्रित पुस्तकें प्रकाशित कराकर युवा पीढ़ी को पूर्वजों की राष्ट्रभक्ति तथा बलिदान से परिचित कराना मकसद है।
बागपत में वीर सपूतों की कमी नहीं जिन्होंने भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने को अपने प्राण न्यौछावर कर दिए लेकिन आजादी मिलने के बाद उनका नाम एवं पहचान गुमनाम अंधेरे में खो गई हैं। बसौद गांव को ही लीजिए जहां अंग्रेजी फौज ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की नाक में दम करने
बाबा शाहमल का साथ देने पर 180 लोग मौत के घाट उतारे थे। अब ऐसे अनाम स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान दुनिया के सामने आएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।