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    National Education Policy 2020: अब स्‍नातक में हासिल कीजिए 75 प्रतिशत अंक, सीधे लें पीएचडी में प्रवेश

    By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATT
    Updated: Wed, 09 Nov 2022 02:30 PM (IST)

    National Education Policy 2020 एनईपी से यूजी के बाद सीधे पीएचडी करने पर चाहिए 75 प्रतिशत अंक। पीएचडी में प्रवेश को लेकर किए गए बदलावों को स्पष्ट करते हुए यूजीसी ने नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पीएचडी में प्रवेश पानेे वाले छात्रों को राहत मिलेगी।

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    NEP 2020 पीएचडी में प्रवेश को लेकर यूजीसी ने साफ कर दी है।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने के बाद पीएचडी में प्रवेश को लेकर अब यूजीसी ने साफ कर दी है। पीएचडी में प्रवेश को लेकर किए गए बदलावों को स्पष्ट करते हुए यूजीसी ने नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एनईपी से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई करने वाले छात्र सीधे पीएचडी में प्रवेश करा सकेंगे लेकिन ऐसे अभ्यर्थियों को 75 प्रतिशत अंक लाने होंगे।

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    55 प्रतिशत अंक होने चाहिए

    इसके अलावा पीएचडी करने के दो और रास्ते हैं। छात्र चार वर्षीय स्नातक करने के बाद दो वर्षीय परास्नातक करने के बाद पीएचडी में प्रवेश लेंगे तो उनके परास्नातक में 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। इसके अलावा तीन वर्षीय स्नातक करने के बाद दो वर्षीय परास्नातक कर पीएचडी में प्रवेश लेने पर भी परास्नातक में 55 प्रतिशत अंक होने से प्रवेश मिल जाएगी।

    50 प्रतिशत वेटेज साक्षात्कार का

    पीएचडी में नेट, जेआरएफ अभ्यर्थियों के साथ ही कुछ केंद्रीय संस्थाओं के अभ्यर्थियों को सीधे प्रवेश मिलेगा। वहीं अन्य को पीएचडी में प्रवेश के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में 70 प्रतिशत वेटेज टेस्ट का होगा और 50 प्रतिशत वेटेज साक्षात्कार का होगा। इसके साथ ही यूजीसी ने पीएचडी पूरा करने के लिए न्यूनतम तीन वर्ष और अधिकतम छह वर्ष का समय निर्धारित कर दिया है। विशेष परिस्थितियों में दो साल तक का अतिरिक्त समय मिल सकता है। वहीं महिलाओं और दिव्यांगों को पीएचडी पूरा करने के लिए अधिकतम 10 वर्ष तक का समय मिलेगा।

    कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति कई निदेशकों को दी नई जिम्मेदारी

    मोदीपुरम : कृ़षि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. केके सिंह ने कई निदेशकों और शिक्षकों को नई जिम्मेदारी व स्थान परिवर्तन किया है। इनमें शोध निदेशालय के सुचारू रूप से संचालित करने को कृषि महाविद्यालय के पादप रोग प्राध्यापक डा. गोपाल सिंह को संयुक्त निदेशक शोध नामित किया गया है। यह कार्य डा. सिंह अपने वर्तमान कार्यों के अतिरिक्त करेंगे। डा. पंकज कुमार प्रधानाचार्य जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय को कालेज आफ सुगरकेन साइंस एंड टेक्नालाजी का ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार आवंटित किया गया है।

    नामित किया गया

    वह अपने वर्तमान कार्य के साथ अतिरिक्त कार्य भी देखेंगे। डा. पूरन चंद प्राध्यापक पादप प्रजन्न को अधिष्ठाता कटाई उपरांत तकनीकी व खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार आवंटित किया गया था। उक्त आदेश में परिवर्तन कर डा. पूरन चंद प्राध्यापक पादप प्रजन्न के स्थान पर डा. पुष्पेंद्र कुमार प्राध्यापक कृषि महाविद्यालय को अधिष्ठाता, कटाई उपरांत तकनीकी व खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय नामित किया गया है। डा. पुष्पेंद्र कुमार भी अपने वर्तमान कार्यों के अतिरिक्त इस कार्य को करेंगे।