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45 नहीं, अब 35 दिन में पूरी होगी सीबीएसई परीक्षा : संयम भारद्वाज

कांफडेरेशन आफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स और मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स की ओर बुधवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 06:00 AM (IST)
45 नहीं, अब 35 दिन में पूरी होगी सीबीएसई परीक्षा : संयम भारद्वाज
45 नहीं, अब 35 दिन में पूरी होगी सीबीएसई परीक्षा : संयम भारद्वाज

मेरठ, जेएनएन। कांफडेरेशन आफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स और मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स की ओर से बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि इस साल सीबीएसई मूल्यांकन में जीरो एरर पालिसी को सख्ती से लागू करने जा रही है। इस साल मूल्यांकन के लिए एक ओर जहां शिक्षकों का पारिश्रमिक भी बढ़ाया जा रहा है, वहीं हर एक गलती पर संबंधित शिक्षक ही जिम्मेदार होंगे। गलती मिलने पर पारिश्रमिक भी काटा जाएगा। यह व्यवस्था वेरीफिकेशन आफ मा‌र्क्स को न्यूनतम या पूरी तरह से समाप्त करने के लिए की जा रही है। पिछले साल मूल्यांकन में कई गलतियां मिलने से सीबीएसई को विरोध झेलना पड़ा था। कार्यक्रम में नोएडा रीजन के आरओ मनीष अग्रवाल और देहरादून आरओ रनबीर सिंह भी उपस्थित रहे, जबकि संयम भारद्वाज ने वर्चुअल उपस्थित रहते हुए चर्चा की।

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परीक्षा होगी, और प्रैक्टिकल भी

डा. संयम भारद्वाज ने स्कूलों को स्पष्ट किया कि इस साल बोर्ड परीक्षा आफलाइन ही होगी। और प्रैक्टिकल के लिए भी वाह्य परीक्षक स्कूलों में जाएंगे। छात्रों के शिक्षक और मूल्यांकन की गुणवत्ता में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने स्कूलों से कहा कि मई में परीक्षा होने के कारण जो भी समय मिला है, उसमें स्कूल 10वीं व 12वीं के छात्रों को अतिरिक्त क्लास देकर ठीक से पढ़ाएं, जिससे उनकी तैयारी में कोई कमी न रह जाए। बताया कि इस वर्ष की बोर्ड परीक्षा 45 दिन की बजाए 30 से 35 दिनों में ही समापत होगी। उसी के अनुरूप डेटशीट तैयार की जा रही है। वहीं अगले सत्र के छात्रों की मदद के लिए इस साल अतिरिक्त घंटे पढ़ाने का भी आह्वान किया।

शिक्षकों का प्रशिक्षण जरूरी

नोएडा के रीजन अफसर मनीष अग्रवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हर शिक्षक के लिए हर साल 50 घंटे की ट्रेनिग अनिवार्य है। इसलिए सभी को इस ओर ध्यान देना चाहिए। बुधवार को मेरठ में इसकी शुरुआत भी किया गया। देहरादून आरओ रनबीर सिंह ने कहा कि अब समय डाटा साइंस, ई-लर्निग, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, वोकेशनल एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट, आर्टी इंटीग्रेशन का है। जिस पर सभी स्कूलों व शिक्षकों को फोकस करना चाहिए। सीआइएस के सचिव राहुल केसरवानी ने बताया कि कार्यक्रम में 18 जिलों के 196 स्कूल प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मेरठ के अलावा सहारनपुर मंडल, बरेली, बिजनौर, संभल, हापुड़, मुरादाबाद, नोएडा, अलीगढ़, पीलीभीत, अमरोहा, गाजियाबाद आदि जिलों ने हिस्सा लिया।


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