Adulterated Ghee oil: घी और तेल में कैसी भी मिलावट को झट से पकड़ लेगी ये नई विधि, मिलावटखोरी पर कसेगी लगाम
Adulteration in ghee oil कार्बन प्रोफाइलिंग से लैब परखेगी घी-तेल की शुद्धता। फूड सेफ्टी लैब में जल्द लगेगी गैस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी। एक बूंद मिलावट पर बदल जाएगी घी की कार्बन प्रोफाइल। इस प्रयोग के चलते अंधाधुंध मिलावटखोरी पर लगाम भी कसेगी।

संतोष शुक्ल, मेरठ। Adulteration in ghee oil घी-तेल समेत वसायुक्त पदार्थों में अंधाधुंध मिलावटखोरी से बड़ी आबादी कैंसर की दहलीज पर खड़ी हो गई, जिस पर नियंत्रण के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार प्रयोगशालाओं को हाइटेक करने जा रही है। मेरठ की लैब में जल्द ही वसायुक्त पदार्थों की फैटी एसिड प्रोफाइलिंग शुरू होगी, जिसके जरिए सूक्ष्मतम मिलावट भी पकड़ में आ जाएगी। मिलावट पर कार्बन चेन बिगड़ जाती है। दो घंटे में जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।
घी की शुद्धता की अब सौ फीसद शुद्ध जांच
मेडिकल कालेज कैंपस में स्थित राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला में लखनऊ एवं देवीपाटन मंडलों के खाद्य सैंपलों की जांच की जाती है। हाल में खाद्य पदार्थों में लेड, क्रोमियम, कैडमियम, आर्सेनिक एवं निकिल समेत कई कैंसरकारक तत्वों की जांच शुरू की गई है। सबसे ज्यादा मिलावट घी और तेल में की जाती है, जिसकी जांच में फिलहाल बीआर वैल्यू, आरएन वैल्यू, अम्लता, आयोडीन, नमी और सिफेनीफिकेशन वैल्यू को आंका जाता है, लेकिन मिलावटखोरों ने ऐसा साल्वेंट मिलाना शुरू किया, जिसमें तेल व घी के सैंपल जांच में मानक के मुताबिक मिलने लगे।
फैटी एसिड का विश्लेषण
अब खाद्य सुरक्षा लैब में गैस लिक्वड क्रोमोटोग्राफी तकनीक उपलब्ध होगी, जो घी और तेल के फैटी एसिड का विश्लेषण करेगी। अगर कोई मिलावट होगी तो इसमें मिलने वाले हाइड्रोकार्बन की चेन बिगड़ जाएगी। यानी कार्बन-1 से कार्बन-22 तककी वैल्यू बदल जाएगी। वहीं, पुराने घी में फ्री रेडिकल आयन बनते हैं, जिसकी प्रोक्साइड वैल्यू दस से ज्यादा है तो यह खाने योग्य नहीं है।
कार्बन की ही जांच क्यों
घी एक प्रकार का ट्राइग्लिसराइड है जो कार्बन, हाइड्रोजन एवं अल्कोहल से बना है। कार्बन नाभिक में रहता है, जिस पर मिलावट का सबसे ज्यादा असर होगा। इसलिए फैटी एसिड में सी-1 से सी-22 तक कार्बन वैल्यू जांचते हैं।
ये है घी का मानक
नमी-0.5 प्रतिशत
बीआर वैल्यू-40-44
आरएम वैल्यू-24 से ज्यादा
आयोडीन-25 से 38
सिफेनोफिकेशन वैल्यू-205 से 235
खाद्य तेल में बटर येलो की मिलावट
खाद्य तेल में धान की भूसी का तेल मिलाने पर बीआर वैल्यू 60 से ज्यादा पहुंच जाती है, जबकि इसकी मात्रा 58.0 से 60.5 तक होनी चाहिए। पुराने तेल में एसिड की वैल्यू छह तक मिल जाती है। पांच मिली तेल में पांच मिली हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाकर एक मिनट तक छोड़ देने पर टयूब में नीचे लाल रंग आ जाए तो इसमें बटर येलो मिला है जो कैंसरकारक है।
इनका कहना है
तेल एवं घी में ऐसे साल्वेंट मिलाए जा रहे हैं जो उसकी बीआर एवं आरएम वैल्यू समेत अन्य मात्रकों को पूरा कर देते हैं। अब इसे पकड़ने के लिए गैस लिक्वड क्रोमोटोग्राफीफैटी से एसिड प्रोफाइलिंग होगी, जिसमें हर प्रकार की मिलावट पकड़ में आ जाएगी।
- डा. उमेश कुमार, वैज्ञानिक, खाद्य सुरक्षा लैब।
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