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    लापरवाही: बुलंदशहर में छह महीनों से फाइलों में ही दौड़ रहे प्रदूषण रोकथाम के घोड़े

    By Himanshu DwivediEdited By:
    Updated: Fri, 09 Jul 2021 02:55 PM (IST)

    प्रदूषण की रोकथाम के लिए अफसर करीब छह माह से फाइलों में कवायद कर रहे हैं जबकि धरातल पर उनकी मेहनत दिखाई नहीं दे रही है। इतना ही नहीं समीक्षा बैठक में लखनऊ से आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर के सामने भी खूब कागजी खेल चला।

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    बुलंदशहर में छह महीनों से फाइलों में ही दौड़ रहे प्रदूषण रोकथाम के घोड़े

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। प्रदूषण की रोकथाम के लिए अफसर करीब छह माह से फाइलों में कवायद कर रहे हैं जबकि धरातल पर उनकी मेहनत दिखाई नहीं दे रही है। इतना ही नहीं समीक्षा बैठक में लखनऊ से आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर के सामने भी खूब कागजी खेल चला। 14 विभागों के समन्वय से प्रदूषण पर वार करने के लिए बना माइक्रो एक्शन प्लान पर जिम्मेदारों ने कितना काम किया यह सामने नहीं आ सका।

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    14 विभागों के समन्वय से करनी है रोकथाम : दरअसल, प्रदेश के 17 शहरों में वायु प्रदूषण हानिकारक स्थिति में हैं। इनमें जिले का खुर्जा शहर भी शामिल हैं। एनजीटी के आदेश पर इन शहरों में प्रदूषण की रोकथाम करने की कवायद शुरू हुई। 14 विभागों के समन्वय से प्रदूषण की रोकथाम के लिए माइक्रो एक्शन प्लान तैयार कराया गया। हालांकि सभी विभागों के इस प्लान में एकरूपता नहीं थी। जिस पर मंत्रलय की ओर से भी निर्देश दिए गए। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया गया। 2024 तक इन प्रदूषणकारी शहरों की जहरीली हवा को साफ करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को 14 विभागों के अफसरों के साथ समन्वय बनाकर प्रदूषण की रोकथाम की जिम्मेदारी सौंपी।

    कार्रवाई जानने की नहीं उठाई जहमत

    आलम यह रहा कि संबंधित विभागों के बीच समन्वय का अभाव रहा और माइक्रो एक्शन प्लान के तहत हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगने पर भी नहीं दी गई। कलक्ट्रेट सभागार में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ के वैज्ञानिक अरविंद कुमार के साथ प्रशासन ने भी इस संबंध में बैठक बुलाई। जिसमें माइक्रो एक्शन प्लान के तहत हुई कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ जिम्मेदार विभागों के अफसरों को तलब किया गया। इसमें जिम्मेदार विभागों को प्रारूप थमा दिया गया। जिस पर माइक्रो एक्शन प्लान के तहत हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भरकर भेजने के निर्देश दिए गए। जबकि अब तक जिम्मेदार विभागों की ओर से माइक्रो एक्शन प्लान के तहत कितनी कार्रवाई की गई है। यह जानने की आला अफसरों ने भी जहमत नहीं उठाई।

    क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जेई् कुंवर संतोष ने कहा: समीक्षा बैठक में जिले के प्रदूषणकारी शहर से प्रदूषण की रोकथाम चर चर्चा हुई। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को लेकर संबंधित विभागों से माइक्रो एक्शन प्लान के तहत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट अब निर्धारित प्रारूप पर मांगी गई है।