एनसीआरटीसी का नया प्रयोग-सोलर आन ट्रैक... आखिर, क्या है यह और क्या है इसकी खासियत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दुहाई डिपो में रेल पटरी पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर एक अनूठा प्रयोग किया है। 'सोलर ऑन ट्रैक' नामक इस पहल के तहत, 70 मीटर पटरी पर 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनकी क्षमता 15.4 किलोवाट है। इससे प्रतिवर्ष 17,500 किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न होने और कार्बन उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि अपनी ऊर्जा जरूरतों का 70% नवीकरणीय स्रोतों से पूरा किया जाए।

नमो भारत कारिडोर के दुहाई डिपो में पटरी में स्थापित किया गया सौर ऊर्जा पैनल। सौ. एनसीआरटीसी
जागरण संवाददाता, मेरठ। नई तकनीक अपनाने और नवोन्मेष करने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने एक और नया प्रयोग किया है। एनसीआरटीसी ने रेल पटरी में ही सौर ऊर्जा पैनल लगा दिए हैं। यह प्रयोग दुहाई डिपो में किया गया है। यहां ट्रेन के खड़े होने व मरम्मत आदि के लिए पटरी है। एनसीआरटीसी ने अपनी तरह का यह पहला प्रयोग किया है।
बताया गया कि अभी तक किसी मेट्रो परियोजना में ऐसा प्रयोग नहीं किया गया है। एनसीआरटीसी ने इसे सोलर आन ट्रैक नाम दिया है। यहां लगभग 70 मीटर लंबी पटरी पर 550 वाट पीक के 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनकी कुल संयंत्र क्षमता 15.4 किलोवाट पीक है। इससे प्रतिवर्ष अनुमानित 17,500 किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिसके परिणामस्वरूप हर साल 16 टन कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन में कमी आना संभव है।
एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इसकी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का लगभग 70 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से पूरा किया जाए। इसके लिए अपनी सौर नीति के तहत एनसीआरटीसी स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर 15 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की योजना बना रहा है, जिसमें से 5.5 मेगावाट सौर ऊर्जा वर्तमान में उत्पन्न की जा रही है।

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