Meerut News: मेरठ के जीवन का अनूठा काम, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल हुआ नाम
Meerut News मेरठ निवासी जीवन सिंह बिष्ट की उम्र 64 साल हो चुकी है लेकिन रिकार्ड बनाने को लेकर उनका जुनून दशकों से कायम है। उनका नाम पहले राष्ट्रीय रिकार्ड बुक में आ चुका है। अब 30 साल की मेहनत के बाद उन्हें इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड्स में जगह मिली है। सर्टिफिकेट के मुताबिक वे विश्व के सबसे अधिक आयु के अकेले व्यक्ति हैं।
प्रवीण वशिष्ठ, मेरठ। शहर के शताब्दी नगर निवासी जीवन सिंह बिष्ट का नाम पूर्व में रिकार्ड बुकों में शामिल है। अब सौ साल से अधिक आयु के आठ हजार लोगों की सूची बनाने वाले विश्व के सबसे अधिक आयु के अकेले व्यक्ति के तौर इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड्स ने उनका नाम शामिल किया है। इसका प्रमाण पत्र उन्हें प्राप्त हो गया है।
1993 में शुरू किया था सूची बनाने का काम
आयकर विभाग से सेवानिवृत्त 64 वर्षीय जीवन सिंह बिष्ट मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के गांव चापड़ के निवासी हैं। उनके अनुसार उन्होंने वर्ष 1993 से सौ साल से अधिक आयु के लोगों का विवरण रखना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से सूचनाएं एकत्रित कीं।
सर्टिफिकेट प्राप्त होते ही खुशी का नहीं रहा ठिकाना
जीवन बताते हैं कि इसी वर्ष उन्होंने अपना उक्त दावा इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड्स को मेल कर किया। वहां से उनसे कई सूचनाएं और वीडियो प्रमाण मांगा गया। पिछले दिनों उन्हें इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड्स की ओर से भेजा गया सर्टिफिकेट और मेडल प्राप्त हो गया। इसे देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इस सर्टिफिकेट के अनुसार सौ साल से अधिक आयु के आठ हजार लोगों की सूची तैयार करने वाले वह विश्व के सबसे अधिक आयु के अकेले व्यक्ति हैं। उनका यह रिकार्ड इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड्स के अगले साल प्रकाशित होने वाले संस्करण में भी शामिल होगा।
लिम्का, एशिया और इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में शामिल हो चुका है नाम
जीवन सिंह बिष्ट का का नाम पिछले साल एशिया बुक आफ रिकार्ड्स और इस साल इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स में शामिल हो चुका है। दोनों बुक में उन्हें एक ही छत के नीचे सबसे अधिक अद्वितीय संग्रह रखने पर जगह दी। उनके पास सिक्के, नोट, समाचार पत्र, कैलेंडर, पुरानी घड़ियां, जन्मदिन की मोमबत्तियां, पेन और पेंसिल का संग्रह है। सबसे पहले उनका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड (1996) में दो फीट लंबे, दस इंच चौड़े और 1.7 किलो वजनी बैंगन अपने किचन गार्डन में उगाने के कारण आया था।