Happy Mother’s Day 2022: 32 साल से अनाथ और दिव्यांग बच्चों की मां का फर्ज निभा रही हैं मीना राणा
Happy Mother’s Day 2022 मीना राणा की शादी बागपत निवासी वीरेंद्र राणा के साथ हुई थी। उनके कई बच्चे हुए लेकिन कोई भी जीवित नहीं रहा। इसके बाद मीना ने अपना जीवन अनाथ एवं दिव्यांग बच्चों की सेवा में लगाने का संकल्प ले लिया।

मुजफ्फरनगर, रोहिताश्व कुमार वर्मा। तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित अखिल भारतीय दिव्यांग एव अनाथ आश्रम की संचालिका मीना राणा 32 वर्ष से अनाथ एवं दिव्यांग बच्चों को मां का दुलार देकर उनका भविष्य संवारने में जुटी हैं। कई बेटियों को उच्च शिक्षित करने के बाद मां का फर्ज निभाते हुए उनकी शादी भी करा चुकी हैं।
अपना जीवन बच्चों की सेवा में लगाने का लिया संकल्प
शामली जिले के कुड़ाना गांव निवासी सुखवीर सिंह की बेटी मीना की शादी बागपत के दाहा निवासी वीरेंद्र राणा के साथ हुई थी। कई बच्चे हुए, लेकिन कोई भी जीवित नहीं रह सका। इसके बाद मीना ने अपना जीवन बच्चों की सेवा में लगाने का संकल्प लिया और पति के साथ वर्ष 1990 में शुकतीर्थ आ गईं। यहां जमीन खरीदकर अखिल भारतीय दिव्यांग एवं अनाथ आश्रम की स्थापना की। बच्चों की खातिर स्वजन और घर को भी त्याग दिया। सात बच्चों से आश्रम की शुरुआत की थी। अब बच्चों की संख्या 40 हो चुकी है। इनमें 12 लड़कियां व 28 लड़के हैं।
आश्रम में ही खोला प्राइमरी विद्यालय
इतना ही नहीं, मीना ने अपने प्रयासों से बच्चों के लिए आश्रम में ही वर्ष 2000 मे प्राइमरी विद्यालय खोल दिया। वर्ष 2003 मे जूनियर हाईस्कूल स्थापित कर लिया। आश्रम में रहते हुए ही मीनाक्षी, नीशू, ममता व रीना आदि विद्यार्थियों ने महर्षि शुकदेव स्वामी कल्याणदेव डिग्री कालेज, मोरना से शिक्षाशास्त्र में एमए किया। लड़कियों को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें सिलाई, कढ़ाई, ज्वेलरी, कंप्यूटर जबकि लड़कों को चारपाई बुनने, मोमबत्ती, लिफाफा आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ऐसे निभाया मां का फर्ज
मीना मां का फर्ज बखूबी निभा रही हैं। आश्रम में रहने वाली रीना व ममता ने एमए के बाद बीएड कर लिया है। दोनों लड़कियों की शादी भी उन्होंने कर दी है। वहीं, साक्षी अभी बीए फाइनल की परीक्षा दे रही हैं। दीपचंद व नीशू कक्षा नौ में पढ़ रहे हैं।
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