भगवा राजनीति का पावर हाउस बना मुरादाबाद मंडल, अब योगी आदित्यनाथ ने भी डाला डेरा
वर्ष 2019 में वेस्ट यूपी की सात लोकसभा सीटों पर भाजपा हार गई थी। अब 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इन सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी ह ...और पढ़ें

बिजनौर, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद मंडल अचानक भगवा राजनीति का पावर हाउस बन गया है। यहां अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी डेरा डाल दिया है। 2019 लोकसभा चुनाव में मंडल की सारी सीटें हारने के बाद भाजपा अब 2024 में क्लीन स्वीप की तैयारी में जुटी है।
बिजनौर के धर्मपाल प्रदेश संगठन महामंत्री एवं मुरादाबाद के भूपेंद्र सिंह बने प्रदेश अध्यक्ष
2017 से अब तक सीएम योगी ने पश्चिम उप्र में सबसे ज्यादा बार मुरादाबाद का दौरा किया है। वहीं, बिजनौर के धर्मपाल को प्रदेश संगठन महामंत्री एवं मुरादाबाद के भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद इस क्षेत्र में पार्टी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। यह भी गौरतलब है कि भाजपा का कोई मुख्यमंत्री पहली बार बिजनौर में रात्रि विश्राम करेगा।
पश्चिम यूपी की 14 में से सात सीटें हारी थी भाजपा
2019 में पश्चिम यूपी की 14 में से सात सीटों बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, नगीना, अमरोहा एवं सहारनपुर में भाजपा हार गई। 2024 लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इन सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसीलिए सीएम योगी ने पश्चिम उप्र का प्रभार अपने पास रखा है। वो लगातार पश्चिम को मथ रहे हैं।
हारी लोकसभा सीटों को फतह करने की शुरू हुई कवायद
सूबे की हारी लोकसभा सीटों को फतह करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बिजनौर एवं सहारनपुर का दौरा कर तैयारियों का पारा परख चुके हैं। हाल में संगठन के दोनों शीर्ष चेहरे भी मुरादाबाद मंडल से बनाए गए, जिससे साफ है कि भाजपा पश्चिम यूपी से चुनावी माहौल बनाएगी। सीएम योगी ने साढ़े पांच साल के कार्यकाल में मुरादाबाद, रामपुर एवं सहारनपुर का सर्वाधिक दौरा किया। साफ है कि वो पश्चिम यूपी के मिजाज को भांपते हुए संगठन को नए सिरे से रिचार्ज करने में जुटे हैं।
सीएम ने सहारनपुर, शामली के साथ ही मेरठ व हापुड़ को संगठन में दी विशेष तवज्जो
पिछले दिनों सीएम ने सहारनपुर एवं शामली के साथ ही मेरठ एवं हापुड़ में संगठन को विशेष तवज्जो दिया, जिसके बड़े मायने हैं। बिजनौर से पहले सीएम योगी ने मुरादाबाद में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के साथ संगठन का नट बोल्ट कसा। इस क्षेत्र में जहां संगठन के दिग्गजों की परख होगी, वहीं प्रभारी होने की वजह से सीएम योगी के सामने भी कड़ी चुनौती है।
किसान आंदोलन की लहरें रह-रहकर उठ रहीं
पश्चिम उप्र में एक बार फिर किसान आंदोलन की लहरें रह-रहकर उठ रही हैं। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयन्त चौधरी ने गन्ना मूल्य भुगतान, खेतीबाड़ी, बेरोजगारी एवं अग्निपथ को लेकर आंदोलन छेड़ा है। रालोद को कई असंतुष्ट भाजपाइयों का भी साथ मिलने की उम्मीद है। वहीं, भाजपाई रणनीतिकारों का कहना है कि निकाय चुनावों तक सीएम पूरे पश्चिम यूपी को कई बार मथ चुके होंगे, वहीं संगठन ने बूथ स्तर तक माइक्रो मैनेजमेंट का होमवर्क थमा दिया है। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल की अगुआई में पिछले विस चुनावों में बेहतर परिणाम रहा, जिसे लोकसभा में दोहराना आसान नहीं होगा।
इनका कहना है.....
पश्चिम उप्र ने हमेशा प्रदेश को बेहतर राजनीतिक परिणाम दिया है। सीएम योगी ने सभी मंडलों में कई बार दौरा किया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह का अनुभव और सधी रणनीति हमारे काम आएगी। भाजपा सालभर चुनावी मोड में रहती है।
मोहित बेनीवाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष

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