CAA Violence: मेरठ में सीएए की हिंसा में जेल से जमानत पर आए पीएफआइ के सदस्यों पर गोपनीय निगरानी शुरू
PFI members मेरठ में सीएए के विरोध में हुई हिंसा के दौरान जोन में 28 पीएफआइ के सदस्यों को पुलिस ने जेल भेजा था। पीएफआइ के परवेज ने शास्त्रीनगर में आफिस खोलकर युवकों को जोड़ा था। लेकिन अब पुलिस ने सदस्यों पर निगरानी शुरू कर दी है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। CAA Violence नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को हुए हिंसा में जोन से 28 पीएफआइ के सदस्यों को जेल भेजा था। सभी आरोपित जेल से जमानत पर छूटकर आ चुके हैं। उक्त सभी आरोपितों की पुलिस ने गोपनीय तौर पर निगरानी शुरू कर दी है।
बड़ा कनेक्शन सामने आया है
बता दें कि मोदीनगर के परवेज आलम ने नौचंदी के शास्त्रीनगर में आफिस खोलकर पीएफआइ से युवाओं को जोड़ा था। 2019 में सीएए को लेकर हुई हिस्सा में भी पीएफआइ का बड़ा कनेक्शन सामने आया था। हिंसा से पहले ही पीएफआइ ने नौचंदी के शास्त्रीनगर में आफिस खोलकर युवाओं को जोड़ा था। इस आफिस का संचालन मोदीनगर का परवेज आलम कर रहा था।
28 सदस्यों को भेजा गया था जेल
छापामारी के दौरान पीएफआइ के आफिस से पुलिस को कुछ दस्तावेज भी मिले थे। उसके बाद परवेज आलम पर 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। हालांकि पुलिस ने हिंसा में पीएफआइ के सदस्य अनीस खलीफा, इसरार अहमद, सगीर और शादाब समेत 28 सदस्यों को जेल भेजा था। फिलहाल सभी जेल से जमानत पर आ चुके है।
निगरानी शुरू
पीएफआइ का वेस्ट यूपी में कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस ने जेल से जमानत पर आए पीएफआइ के सदस्यों की निगरानी शुरू कर दी है। काफी लोगों ने नंबर जुटाकर उनकी सर्विलांस से जानकारी जुटाई जाएगी।ताकि पता चल सकें कि वह पीएफआइ से हाल ही में भी जुड़े हुए हैं।
मुनीर की तलाश में एटीएस की पड़ताल
मुजफ्फरनगर के दधेडू निवासी मुनीर की तलाश में एटीएस की टीम ने शुक्रवार को भी मेरठ में पड़ताल की है। बताया जाता है कि पीएफआइ से जुड़ा मुनीर नौ दिनों तक अपनी पत्नी के साथ मेरठ में रह चुका है। मुनीर से जुड़े अन्य मोबाइल नंबरों को भी एटीएफ ने सर्विलांस पर लगाकर पड़ताल शुरू कर दी है।
एटीएस लगी हुई है तलाश में
देहलीगेट क्षेत्र में मुनीर जिसके संपर्क में था। उन लोगों के भी मोबाइल नंबर एटीएस की टीम सुन रही है। उसके अलावा एक टीम मुजफ्फरनगर में भी डेरा डाले हुए है। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआइ से जुड़े अपराधिक लोगों की तलाश में एटीएस लगी हुई है। उनके मंसूबों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि कोई भी बड़ी घटना न करा दें।