मोदी ने कहा था-रैपिड रेल में बजट नहीं बनेगा बाधा, 4710 करोड़ आवंटित
मोदी सरकार ने जैसा वादा किया था वैसे ही उस वादे के अनुरूप इस बजट में रैपिड रेल के लिए फिर 4710 करोड़ रुपये आवंटित किए। वर्तमान में देश के पहले 82 किमी लंबे आरआरटीएस कारिडोर यानी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

मेरठ, जेएनएन। मोदी सरकार ने जैसा वादा किया था वैसे ही उस वादे के अनुरूप इस बजट में रैपिड रेल के लिए फिर 4,710 करोड़ रुपये आवंटित किए। वर्तमान में देश के पहले 82 किमी लंबे आरआरटीएस कारिडोर यानी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसका निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम कर रहा है। इस कारिडोर में भारत सरकार, उप्र सरकार व दिल्ली सरकार की प्रतिभागिता है। 2019 में इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। यह उनकी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। उन्होंने उस मौके पर कहा था कि तय लक्ष्य पर परियोजना पूरी की जाएगी, इसके लिए धनराशि की कमी नहीं आएगी। उसी क्रम में शिलान्यास के वर्ष से भारत सरकार व उप्र सरकार लगातार हर बजट में इसके लिए धनराशि दे रही है। लगभग 30 हजार करोड़ की लागत से तैयार हो रही इस परियोजना के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक व अन्य संस्थाओं से ऋण भी लिया गया है। गौरतलब है कि इस परियोजना को 2025 में पूरा किया जाना है। अब तक इस कारिडोर में लगभग 16 किमी वायडक्ट, 1200 पिलर और लगभग 10 हजार फाउंडेशन पाइल्स की कंक्रीटिंग की जा चुकी है। कारिडोर के एलिवेटेड हिस्से के लगभग 56 किमी के लिए फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है।
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इस बजट से जवानों, नौजवानों व छोटे व्यापारियों को भारी निराशा मिली है। जो लोग आयकर में छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद लगाकर बैठे थे, वे भी निराश हुए। सरकार ने हताश करने वाला बजट दिया है।
चौ. यशवीर सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष हस्तिनापुर, रालोद
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