Mission Shakti: बालिकाएं क्यों नहीं जा रहीं स्कूल, कारण तलाशेगी 'शक्ति मंच', इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
Mission Shakti यह एक सुखद पहल है। यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में इस सत्र में बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन को ध्यान में रखते शक्ति मंच का गठन किया जा रहा है। इस मंच का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा को प्रभावी बनाना होगा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में इस सत्र में बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन को ध्यान में रखते हुए मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत 'शक्ति मंच' का गठन किया जा रहा है। शक्ति मंच हर महीने दो बार यानी दूसरे और चौथे शनिवार को बैठक करेगी, जिसमें तमाम बिंदुओं पर सृजनात्मक लेखन, डिबेट, चित्रकला, नाटक, गीत, कहानी आदि के माध्यम से चर्चा करेगी।
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विशेष तौर पर शक्ति मंच के जरिए उन बालिकाओं की सूची तैयार की जाएंगी जिनका नामांकन स्कूल में नहीं हुआ है और साथ ही उन कारणों की सूची भी शक्ति मंच तैयार करेगी जिनके कारण बालिकाएं विद्यालय नहीं आती हैं। ऐसे सभी बालिकाओं को स्कूल तक लाने और उनका नामांकन कराने में शक्ति मंच की अहम भूमिका होगी। विद्यालयों में शुक्रवार तक शक्तिमान का पुनर्गठन कर लिया गया है। अब शनिवार 14 मई को शक्ति मंच की पहली मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा।
मंच का उद्देश्य अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान करना
स्कूलों में शक्ति मंच आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य बालिकाओं को आत्म अभिव्यक्ति के अवसर उपलब्ध कराना है। उनमें नेतृत्व एवं सहयोग की क्षमता विकसित करना, किशोरावस्था की जिज्ञासाओं, शंकाओं के संदर्भ में परिचर्चा कराना और सभी बच्चों एवं महिलाओं में उनके अधिकारों के प्रति चेतना जगाना है। इस मंच में स्कूल में पढ़ने वाली सभी बालिकाएं सदस्य होंगी और इसके संचालन के लिए जरूरी सुविधाओं एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए स्कूल की एक महिला शिक्षिका को समन्वयक के रूप में नामित किया जाएगा। मंच के सभी सदस्यों में से 11 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक कक्षा से कम से कम एक बालिका का प्रतिनिधित्व होगा। कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को खुली बैठक में चुना जाएगा जिनका चयन छात्राएं करेंगी और शिक्षक मार्गदर्शन करेंगे। कार्यकारिणी के सदस्य आपस में सर्वसम्मति से एक अध्यक्ष एवं एक सचिव का चयन करेंगे। समिति का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होगा।
बालकों को भी किया जाएगा जागरूक
बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान की भावना को नागरिकों एवं बालकों में भी बढ़ाने के लिए जागरूकता एवं संवेदनशीलता विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस बाबत एक जुलाई को बालिका सुरक्षा शपथ का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही बालिकाओं को आपातकालीन स्थिति के लिए पूर्व तैयारी भी कराई जाएगी, जिसमें बालक बालिकाओं को विभिन्न हेल्पलाइन व नजदीकी थाने की जानकारी दी जाएगी।
शक्ति मंच की मासिक बैठकों में होगी इन बिंदुओं पर चर्चा व कार्य भी
- बालिकाओं को विद्यालयों में आ रही बाधाओं की चर्चा व उसके निवारण की योजना बनाना।
- बाल व महिला अधिकारों पर चर्चा।
- बालिकाओं की शिक्षा के महत्व पर चर्चा।
- बालिकाओं के हितों के प्रतिकूल समाज में प्रचलित कुरीतियों व दिशानात्मक रणनीतियां।
- किशोरावस्था संबंधी संकाय जिज्ञासा एवं समाधान।
- आत्मरक्षा के उपायों पर चर्चा एवं अभ्यास।
- बाल अखबारों व कॉमिक तैयार करना।
- बच्चों को अपनी शिकायतें लिखकर शिकायत पेटिका में डालने को प्रेरित करना।
- महीने के अंतिम शनिवार को एसएससी को एक महिला सदस्य के माध्यम से शिकायतों को पढ़कर समाधान कराना।
- बच्चों की सुरक्षा के लिए गठित हेल्पलाइन व इनके प्रयोग की जानकारी देना।
- बालकों में जेंडर संवेदनशीलता विकसित करने के संबंध में चर्चा-परिचर्चा करना।
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