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    जागरण पड़ताल: 10 मिनट के सफर में 17 कूड़े के ढेर ... यूपी में है ये हाईवे, 500 मीटर पहले से ही आने लगी थी बदबू 

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 05:33 PM (IST)

    मेरठ-मवाना-पौड़ी हाईवे पर गंगानगर से निकलते ही कूड़े के ढेर मिलना आम बात है। रजपुरा, सिखेड़ा और नंगला मुखत्यारपुर जैसे गांवों के पास हाईवे किनारे कूड़ा जमा है, जिससे राहगीरों को परेशानी होती है। सफाईकर्मी कूड़ा हटा तो रहे हैं, पर उसे किनारे पर ही छोड़ रहे हैं। एनएचएआइ ने कूड़ा डालने पर मनाही का बोर्ड लगाया है, फिर भी लोग मान नहीं रहे। एनएचएआइ जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने की बात कर रहा है।

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    मेरठ-मवाना-पौड़ी हाइ्रवे पर स्थित गांव सिखेड़ा के बाहर पड़ा कूउ़ा। जागरण 


    जागरण संवाददाता, मेरठ। गंगानगर पार करते ही जैसे ही मेरठ-मवाना-पौड़ी हाईवे पर गाड़ी चढ़ेगी तो प्लास्टिक, सड़ा हुआ कचरा, जली हुई राख जैसे कूड़े के ढेर मिलेंगे। तेज हवा चल जाए तो पालीथीन उड़कर वाहनों के शीशों से टकराने लगती है। बदबू 500 मीटर पहले ही बता देती है कि आगे कूड़ा पड़ा हुआ है। इस हाईवे की न तो जिला प्रशासन को और न ही एनएचएआइ को चिंता है।

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    थोड़ी लापरवाही के कारण मेरठ बदनाम हो रहा है, जबकि यहां से 25 हजार के लगभग रोजाना वाहन गुजरते हैं। सोमवार को भी दैनिक जागरण ने इस हाईवे पर 12 किलोमीटर का सफर किया। इस दौरान 17 स्थानों पर कूड़े के ढेर मिले। हालांकि तीन स्थानों पर सफाईकर्मी सफाई करते हुए भी मिले। आइए बताए कैसा है इस हाईवे का हाल। पेश है एक रिपोर्ट...।

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    गंगानगर से निकलते ही रजपुरा गांव
    गंगानगर से निकलते ही रजपुरा गांव हाईवे पर पड़ता है। यहां पर आते ही कूड़े का ढेर मिलेगा। बदबू तो 500 मीटर पहले ही आनी शुरू हो जाती है। यहां पर कूड़े को पालीथीन में भरकर फेंका हुआ था। हालांकि सोमवार को यहां पर जेसीबी से कूड़ा हटाया जा रहा था।

    रजपुरा से आगे सिखेड़ा गांव
    इस सिखेड़ा गांव के समीप पहुंचेंगे तो यहां भी कूड़े के ढेर मिलेंगे। यहां के स्थानीय निवासी मनोज सिंह ने बताया कि यह कूड़ा यहां पर करीब छह माह से डाला जा रहा है। नगर निगम को शिकायत करते हैं तो कहा जाता है कि एनएचएआइ से शिकायत की जाए। एनएचएआइ का कोई संपर्क नंबर ग्रामीणों के पास नहीं है।

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    सिखेड़ा गांव से आगे नंगला मुखत्यारपुर गांव
    इस गांव के भी हाल ऐसे ही है। यहां भी हाईवे के किनारे कूड़े के ढेर मिल जाएंगे। यहां के रहने वाले महावीर सिंह ने बताया कि दिन में कूड़ा डाला जाता है तो रात में उसे अंजान लोग जला देते हैं। जिस कारण रात में यहां पर धुआं-धुआं रहता है। यहां पिछले तीन माह से कूड़ा डाला जा रहा है।

    हाईवे पर झाड़ू तो लग रही थी, लेकिन कूड़ा किनारे किया जा रहा
    मेरठ-मवाना-पौड़ी हाईवे पर सफाईकर्मी झाड़ू लगाकर सफाई तो कर रहे थे, लेकिन एकत्रित कूड़े को हाईवे किनारे किया जा रहा था। उसे किसी गाड़ी में भरकर नहीं ले जाया जा रहा था। दैनिक जागरण का कैमरे देखने के बाद सफाईकर्मियों ने गाड़ी में कूड़ा भरना शुरू किया।

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    रजपुरा में जेसीबी से हटाया जा रहा था कूड़ा
    गंगानगर से निकलते ही रजपुरा गांव में कूड़े के ढेर पर जेसीबी लगाकर कूड़े को हटाया जा रहा था। सर्विस रोड के किनारो फैले कूड़े को एक खाली प्लाट में डाला जा रहा था। स्थाई समाधान यहां भी नहीं किया जा रहा था।

    सर्विस रोड लगाया बोर्ड, यहां कूड़ा डाला सख्त मना है
    गंगानगर से हाईवे पर चढ़ते ही एक फैक्ट्री है। इसके सामने ही एक खाली प्लाट पड़ा है। जिसमें एनएचएआइ ने एक बोर्ड लगा रखा है कि यहां पर कूड़ा डालना सख्त मना है। बावजूद इसके लोग इस खाली पड़े प्लाट में लोग कूड़ा डाल रहे हैं।

    मेरठ-मवाना-पौड़ी हाईवे पर सफाईकर्मियों की टीम सफाई करने में लगाई हुई है। जेसीबी के साथ कूड़ा हटाया जा रहा है। जल्द ही सभी स्थानों से कूड़ा हटा दिया जाएगा। ग्रामीण हाईवे किनारे कूड़ा डाल रहे हैं। इसके समाधान का उपाय निकाला जाएगा। नगर निगम से भी समन्वय किया जाएगा। -राजकुमार नाहरवाल, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ मेरठ क्षेत्र।