Meerut Weather Update: मेरठ और आसपास आज भी बूंदाबांदी से राहत, शिवालिक की पहाड़ियों पर भी खूब वर्षा
Meerut Weather News Update इनदिनों वेस्ट यूपी सहित पूरे एनसीआर मौसम में बदलाव है। पांच दिनों से बारिश के चलते लोगों को राहत मिली वहीं कई स्थानों पर जलजमाव के कारण दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। अभी मौसम सुहावना रहेगा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Weather Update सितंबर माह के अंत में मानसून की जोरदार बारिश देखने को मिल रही है। बीते पांच दिनों से पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। बुधवार को भी बारिश देखने को मिली। वहीं गुरुवार को सुबह से आसमान पर बादल नजर आए, बूंदाबांदी हो रही है। तापमान में गिरावट के चलते लोगों को राहत मिली। कुछ दिनों से भीषण उमस ने परेशान कर रखा था।
मेरठ में लगातार छठे दिन बारिश
मेरठ में विदाई की बेला में मानसून मेहरबान हो रहा है। बुधवार सुबह से तेज धूप के बाद दोपहर 12 बजे के बाद शहर का मौसम बदल गया। लगातार पांचवें दिन जनपद में बारिश हुई। मौसम विभाग ने शाम साढे पांच बजे तक 7.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की। वहीं सुबह अधिकतम तापमान जहां 32.2 डिग्री तक पहुंच गया अचानक गिर कर 26 डिग्री तक पहुंच गया। दिन में रुक रुक कर बूंदा बांदी चलती रही। रात में भी बारिश आरंभ हो गई।
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शिवालिक की पहाड़ियों पर भी खूब बारिश
सहारनपुर : बेहट में बुधवार दोपहर बाद से शिवालिक पहाड़ियों पर जहां अच्छी खासी बरसात हो रही है। वही मैदानी क्षेत्र में भी रिमझिम बारिश है। पहाड़ियों की बरसात के चलते घाड़ क्षेत्र की कई नदियों में तेज धार के साथ बाढ़ के हालात बने हुए हैं। शाकंभरी नदी तो बार-बार अपना रौद्र रूप दिखा रही है।
असमंजस की स्थिति
सिद्धपीठ पर प्रथम नवरात्र से शारदीय नवरात्र मेला लगना है। लेकिन मौसम के मिजाज को देखते हुए सिद्धपीठ परिक्षेत्र में मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है। डीएम एसएसपी स्वयं दो बार सिद्धपीठ परिक्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।
समतल करने का काम शुरू
लेकिन अभी तक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इस मेले का मंदिर से बाहर का पूरा आयोजन जिला पंचायत के हाथों में रहता है। जिला पंचायत ने मेले परिक्षेत्र में तैयारियां भी शुरू कर दी थी। जिसमें सबसे पहले शाकंभरी से भूरा देव तक नदी के रास्ते को समतल करने का काम शुरू किया गया था जो काफी हद तक हो भी चुका था।
बाढ़ जैसे हालात
नदी में बाढ़ आ जाने के बाद फिर से पहले जैसे हालात बने। ऐसा एक नहीं दो बार हो चुका है। बैरिकेटिंग और लाइट फीटिंग के लिए भी बल्लियां आदि लगा दी गई थी। लेकिन बुधवार की शाम आई बाढ़ ने बैरिकेटिंग व लाइट फिटिंग की बल्लियों को भी बहा दिया। ऐसी स्थिति में सिद्ध पीठ परिक्षेत्र में मेले की व्यवस्थाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

25 सितंबर होती रहेगी बारिश
सितंबर के तीसरे सप्ताह में पांच साल बाद बरसात देखी जा रही है। अब तक 85 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह बारिश पांच दिनों में हुई है। जबकि पूरे माह में 136 मिलीमीटर बारिश होती है। इसी तरह अगस्त माह में सामान्य से 82 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने 25 सितंबर तक बूंदाबांदी जारी रहने की संभावना जताई है।
कुछ ऐसा रहा वेस्ट यूपी का मौसम
मेरठ जनपद में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला बना हुआ है। मंगलवार की तड़के सुबह अच्छी वर्षा हुई डेढ़ घंटे की बरसात के बाद धूप खिल गई। बरसात की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 36 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं सहारनपुर में मंगलवार को मौसम साफ है। धूप निकली हुई है। जिले में कहीं भी रिमझिम बरसात नहीं होने की सूचना है। बिजनौर में बुधवार रात बूंदाबांदी होती रही और सुबह से भी रूक रूक कर बूंदाबांदी हो रही है। मौसम खुशगवार बना हुआ है। गुरुवार को भी मौसम में बदलाव दिख रहा है।

इतने मिलीमीटर हुई बारिश
मेरठ में पांच साल बाद सितंबर के तीसरे सप्ताह में मानसूनी बरसात देखने को मिल रही है। मंगलवार सुबह झमाझम पानी बरसा था। दोपहर बाद भी बादल मेहरबान हुए। सुबह सवा घंटे में 35.5 मिलीमीटर बरसात हुई। दिन में धूप निकली और उमस भरी गर्मी रही। दोपहर बाद भी तेज बौछारें पड़ीं। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि वर्ष 2016 के बाद पहली बार है जब सितंबर के तीसरे सप्ताह में वर्षा देखने को मिल रही है। मानसून वापसी की प्रक्रिया में है।
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शामली में बारिश
शामली में गुरुवार को सुबह से ही तेज वर्षा शुरू हो गई। इससे जगह जगह जलभराव हो गया। सुबह सवेरे आसमान में बादल छाए रहे। हल्की हवा भी चलती रही। इससे मौसम का सुहाना रहा। गर्मी से निजात के साथ ही लगातार हो रही वर्षा के कारण फसलों को भी नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि निरंतर वर्षा से धान, गोभी, लौकी आदि फसलों को नुकसान हो सकता है। वर्षा से धान का दाना क़ल पड़ सक़ता है। हालांकि गन्ना व हरे घास की फसल को इससे लाभ रहेगा।

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