Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 लाख टन से अधिक कूड़े का हुआ समाधान... सीमेंट फैक्ट्रियों में आएगा यह काम

    By Dileep Patel Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 01:39 PM (IST)

    मेरठ के लोहियानगर में जमा 10 लाख टन कूड़े का निस्तारण होगा। दयाचरन एंड कंपनी ने मोबाइल यूनिट स्थापित की है, जो कूड़े को छांटेगी। आरडीएफ को सीमेंट फैक्ट्रियों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। नगर निगम ने कंपनी से 267 रुपये प्रति टन की दर से करार किया है। शहर का कूड़ा अब गांवड़ी भेजा जा रहा है।

    Hero Image

    लोहियानगर में जागृति विहार एक्सटेंशन वाली रोड पर लगी कूड़ा निस्तारण के लिए एक मोबाइल यूनिट। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर के लिए नासूर बन चुका लोहियानगर में डंप 10 लाख टन से अधिक कूड़ा अब निस्तारित होगा। कूड़े की रोजाना मशीनों से छंटाई करके उससे निकलने वाले आरडीएफ को राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की सीमेंट फैक्ट्रियों की भट्ठियों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होगा। यह कदम न सिर्फ मेरठ को कूड़े के पहाड़ से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि बढ़ते प्रदूषण से भी बचाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शनिवार को नगर निगम से अनुबंधित दयाचरन एंड कंपनी ने 60 टन कूड़ा प्रतिघंटा छंटाई क्षमता की एक मोबाइल यूनिट (प्लांट) लोहिया नगर में जागृति विहार एक्सटेंशन रोड पर लगाई। इसे रोजाना न्यूनतम आठ घंटे चलाकर रोड पर डंप कूड़े का निस्तारण 15 दिसबंर तक किया जाएगा। शनिवार को बिजली कनेक्शन का काम पूरा कर लिया गया है। इसे रविवार सुबह चालू कर दिया जाएगा। कंपनी दो ट्रामल प्लांट भी लगा रही है। एक प्लांट कूड़े के पहाड़ के पीछे वाले हिस्से में और दूसरा प्लांट बीचों बीच लगेगा।

    दोनों प्लांट भी 60-60 टन कूड़ा प्रति घंटे की छंटाई वाली क्षमता के हैं। कंपनी का दावा है कि ये दोनों प्लांट एक सप्ताह में चालू हो जाएंगे। तीनों प्लांट चलने पर प्रति घंटे 180 टन कूड़े की छंटाई होगी। दो शिफ्ट में 12 घंटे प्लांट चलेंगे। प्रतिदिन दो हजार टन कूड़े की छंटाई होगी। दयाचरन एंड कंपनी के साइट सुपरवाइजर विष्णु राघव ने बताया कि आरडीएफ सीमेंट फैक्ट्रियों की भट्ठियों में कोयले के विकल्प के तौर पर आरडीएफ का उपयोग किया जाता है।

    आरडीएफ में प्लास्टिक, पालीथिन, थर्माकोल, कागज, कपड़ा सहित अन्य ज्वलनशील सामग्री होती है। इसे कूड़े की छंटाई कर अलग किया जाता है। दावा है कि आरडीएफ को छंटाई के बाद डंप नहीं किया जाएगा। साथ ही साथ उसे सीमेंट कंपनियों को भेज दिया जाएगा। राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की फैक्ट्रियों और कुछ मुजफ्फरनगर की फैक्ट्रियों में भी भेजा जाएगा। वहीं, आरडीएफ के अलावा ईंट-पत्थर और कंपोस्ट निकलेगा। जिसे लैंडफिल में उपयोग किया जाएगा। 267 रुपये प्रति टन पर हुआ करार नगर निगम ने दयाचरन एंड कंपनी से कूड़ा निस्तारण के लिए 267 रुपये प्रति टन की दर से करार किया है।

    सर्वे के आधार पर कंपनी को करीब छह लाख टन कूड़ा होने का अनुमान है। इतने कूड़े के निस्तारण में लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम ने कंपनी के साथ 18 महीने का अनुबंध किया है। मई 2027 तक लोहिया नगर क्षेत्र को कूड़े से निजात मिल जाएगी। खास ये कि निगम को सिर्फ धनराशि चुकानी है। मशीन, कर्मचारी और आरडीएफ की बिक्री कार्य कंपनी को ही करने हैं। शहर का कूड़ा डलना बंद, रोड दिखने लगी: करीब एक सप्ताह पहले निगम ने लोहिया नगर में शहर का कूड़ा डालना बंद कर दिया है। अब शहर में प्रतिदिन उत्सर्जित 1100 टन कूड़ा गांवड़ी भेजा जा रहा है। इससे लोहिया नगर में जागृति विहार एक्सटेंशन वाली रोड दिखने लगी है। 15 दिन पहले तक यहां कूड़े का अंबार हुआ करता था।

    डीसीसी का एक मोबाइल प्लांट चालू, दो अन्य प्लांट लगाने का काम जारी

    लोहिया नगर में कंपनी एक मोबाइल यूनिट स्थापित हो गई है। बिजली मुहैया कराने के लिए लाइन खींच दी गई है। दो प्लांट भी एक सप्ताह में चालू हो जाएंगे। निगम का अब जोर ये रहेगा कि तेजी के साथ कूड़ा निस्तारित कराया जाए। सौरभ गंगवार, नगर आयुक्त लोहिया नगर के बाद अब गांवड़ी में भी एनटीपीसी का वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगना है। गत दिनों एनटीपीसी के अधिकारियों ने गांवड़ी का निरीक्षण किया था। नगर निगम को एक प्रोसेसिंग प्लांट पहले लगाना है। इसे लेकर जल्द निगम अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। हरिकांत अहलूवालिया, महापौर